ये कैसा तंत्र जो लाशों के ढेर देखकर भी पसीजता नही, न कार्रवाई करता
_आये दिन होते हादसों पर क्या किसी को भी कोई फर्क नही पड़ रहा?_ ——————————————— *सरकार है क्या? सिस्टम है क्या?* ——————————————— _ये कैसा तंत्र जो लाशों के ढेर देखकर भी पसीजता नही, न कार्रवाई करता_ ——————————————— _हर हादसे पर बस रस्मअदायगी, फिर वही अराजकता, कानून का जैसे ख़ौफ़ ही नही_ ——————————————— _*36 लोग बावड़ी…