चुनावी माहौल:बंध गए घुँघरू
…. …पार्षदी कि मंसूबे पाले नेताओ ने चुनावी घुंघरू तो पहले से ही बांध रखे थे….तारीखों का एलान ने इन घुंघरुओं की खनखनाहट बड़ा दी है। सबसे ज्यादा छम छम उन दावेदारों के आंगन में सुनाई दे रही है…जिनके ‘नृत्यक्षेत्र’ आरक्षण में मनोनुकूल हो गए। घुँघरू तो उन्होंने ने भी नही उतारे.. जिनके नृत्यक्षेत्र मन-मुताबिक…