भोपाल ( जिला प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा भले ही लगातार कार्रवाई की जाती रही हो, लेकिन स्कूल प्रबंधन और सामग्री बेचने वाले दुकान संचालकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। अब भी शहर में ऐसे कई बड़े स्कूल हैं, जिनकी यूनिफार्म, किताबें वगैरह एक निश्चित दुकान पर उपलब्ध है। इसी के चलते कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार को 70 से अधिक स्कूल प्राचार्य, प्रबंधकों की बैठक ली और सख्त निर्देश दिए हैं कि तीन से अधिक दुकानों पर स्कूल सामग्री अनिवार्य रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। इतना ही नहीं स्कूल में बच्चों को लेकर आने वाले निजी वाहनों की जानकारी भी प्रबंधन को रखनी होगी और सभी स्कूल वाहन चालकों का पुलिस सत्यापन होना चाहिए। कलेक्टर ने बैठक में यह भी कहा है कि यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो आगामी दिनों में स्कूल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

कई दिनों से ठप है कार्रवाई
कुछ दिनों पहले स्कूल सामग्री बेचने वाली निश्चित दुकानों पर प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से कार्रवाई भी की थी। इसके बाद से कार्रवाई ठप हो गई है। इसके चलते स्कूल प्रबंधन सांठगांठ कर एक ही दुकान से सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। कलेक्टर ने कहा कि स्कूल प्रबंधन, ड्रेस, किताब और अन्य सामग्री के लिए मोनोपाली नहीं कर सकते हैं। शहर में कम से कम तीन से अधिक दुकानों पर सभी स्कूल की सामग्री मिलनी चाहिए। इसके लिए किसी भी एक दुकान को अधिकृत नहीं किया जा सकता है।
स्कूल प्रबंधन की बच्चों को घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी
जिले के सभी निजी स्कूलों के प्राचार्य और प्रबंधन के अधिकारियों को कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि बच्चों को स्कूल से घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम बसों में अनिवार्य रूप से किए जाएं। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग और आरटीओ द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन बस संचालकों और स्कूल प्रबंधनों द्वारा किया जाएगा।
बच्चों को सड़क पर छोड़ा तो होगी कार्रवाई
स्कूल बसों में सीसीटीसी कैमरे, महिला अटेंडेंट, फर्स्ट एड बाक्स की व्यवस्था होना आवश्यक है। साथ ही छोटे बच्चों को स्कूल से वापस घर छोड़ते समय उन्हें स्वजनों के सुपुर्द करना होगा। यदि सड़क पर छोड़ा गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं बस चालक सहित सभी स्टाफ की जानकारी और आइडी कार्ड अनिवार्य रूप से रखना होगा।

 

आज से शुरू बसों की जांच
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारी, आरटीओ को निर्देश दिए हैं कि स्कूल बस सहित अन्य सभी बच्चों को लाने वाले वाहनों की जांच शनिवार सुबह से ही की जाए। फिटनेस की जांच, चालकों का पुलिस सत्यापन, उनकी जानकारी लेकर पालकों को दी जाए। इन सभी जांच और कार्रवाई के लिए एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में इसके लिए जांच समिति बनाएंगे।