मध्यप्रदेश में सरकारी भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर युवाओं को सरकार ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, अब मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षाओं में सिर्फ एक बार ही परीक्षा शुल्क का भुगतान करना होगा। यह नियम भी सभी वर्गों के परीक्षार्थियों पर लागू होगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त, कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी के नाम आदेश जारी किया है।
आदेश में यह भी बताया गया है कि अब प्रोफाइल रजिस्ट्रेशन भी एक बार ही करना होगा। पहली बार निर्धारित परीक्षा के लिए ही पोर्टल के साथ संबंधित विभाग की परीक्षा शुल्क लेने का आदेश जारी किया गया है। यह सुविधा भी एक साल तक मिलेगी। मतलब एक साल बाद दोबारा संबंधित पहली प्रतियोगी परीक्षा के लिए शुल्क चुकाना होगा। बता दें कि प्रदेश में 1 लाख 24 हजार रिक्त पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा प्रक्रिया जारी है।
सभी वर्गों के परीक्षार्थियों के लिए होगा लागू
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि यह सुविधा भी सभी वर्गों पर समान रूप से लागू होगी। बीते साल वन विभाग, पुलिस भर्ती, शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों की परीक्षा आयोजित की गई थी। यदि इन परीक्षाओं के शुल्क की गणना की जाए तो सामान्य वर्ग के परीक्षार्थियों पर 3 हजार 500 रुपये से अधिक शुल्क का भुगतान करना पड़ता। अब प्रथम परीक्षा आवेदन के दौरान ही शुल्क भरना होगा। उधर, मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल अलग-अलग परीक्षाओं के लिए सामान्य वर्ग, एससी-एसटी समेत अन्य आरक्षित वर्गों के लिए अलग-अलग परीक्षा शुल्क लेता है।
सीएम शिवराज ने किया था ऐलान
बीते माह यूथ महापंचायत का आयोजन किया गया था। तब मुख्यमंत्री ने युवा नीति पर चर्चा की थी। साथ ही यह ऐलान किया था कि सरकारी भर्ती परीक्षाओं में एक बार ही शुल्क लिया जाएगा। सरकार द्वारा नीति के लिए मांगे गए सुझावों में भारी संख्या में वन टाइम फीस की मांग भी युवाओं ने की थी। इससे पहले कई छात्र संगठन भी प्रतियोगी परीक्षाओं में वन टाइम फीस की मांग कर चुके हैं।