पार्टी दोनों दिग्गजों के चेहरे और नाम पर सियासी मैदान में कूदने के लिए तैयारियों में भी जुट गई है। यह जानकारी देते हुए बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि म.प्र में मंत्रिमंडल विस्तार को केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी दे दी गई है और वहां जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।
भगवा पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सीएम शिवराज अपने तौर-तरीके से छवि बदल कर मतदाताओं तक पार्टी का संदेश पहुंचाएंगे। 65 हजार बूथ समितियों में से 62 हजार बूथ समितियों का डिजिटल सत्यापन किया गया है, जबकि पूरे देश में ऐसा करने में बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई पहले नंबर पर है। हर बूथ पर राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों की सूची भी सौंपी गई है, ताकि उनसे सीधा संपर्क साधा जा सके।
यह भी बताया गया कि हर बूथ समिति को उस बूथ पर प्रभावी व्यक्तियों की पहचान करने और उनसे संपर्क करने को कहा गया है, जो मतदाताओं पर असर डाल सकें। कृषि और सड़क क्षेत्र में उपलब्धियों को प्रमुखता से गिनाया जाएगा। बीजेपी का चुनाव में जोर सबसे अधिक विकास के मुद्दे पर रहेगा। यही नहीं, पार्टी गुटबाजी खत्म करने पर भी फोकस करेगी। टिकट बंटवारे के दौरान पार्टी की तरफ से जीतने की क्षमता को अहम पैमाना माना जाएगा, जबकि कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिए जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस से कई मौजूदा विधायकों को बीजेपी इस दौरान अपने पाले में लाने की कोशिश करेगी। चूंकि, बीजेपी ने साल 2018 की हार से कई सबक लिए हैं और वह इस बार उन गलतियों को किसी भी सूरत में दोहराना नहीं चाहती है। ऐसे में बीजेपी ने इस बार बड़ी जीत का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में बीजेपी का जोर हिंदुत्व के साथ विकास पर रहेगा। उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर और तीर्थ दर्शन जैसी अन्य धार्मिक योजनाओं को भी इस दौरान (चुनावी अभियान में) गिनाया जाएगा।