मध्य प्रदेश में भोपाल क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो आयुष्मान कार्ड बनाने वाले कर्मचारी की लॉगिन आईडी का अवैध तरीके से इस्तेमाल कर फर्जी रिजेक्टेड आयुष्मान कार्ड बनाता था.
गिरफ्तार आरोपी भी पूर्व में आयुष्मान कार्ड बनाने वाली एजेंसी में कर्मचारी रह चुका है.
दरअसल क्राइम ब्रांच में SHA(State Health Agency) की लॉगिन आईडी का अनाधिकृत रुप से उपयोग कर फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार कर फर्जीवाडा करने के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया था. शिकायत आवेदन थाना क्राइम ब्रांच भोपाल को प्राप्त हुआ. शिकायत के विवरण से आरोपी के द्वारा प्राइम फेसिया आईपीसी की अपराध धारा 420,465,467,468,471 के तहत आरोपी माना गया. आयुष्मान निरायमय योजना के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र व्यक्तियों के कार्ड तैयार किये जा रहे हैं जिसके अंतर्गत कार्डधारक को प्रति वर्ष प्रति परिवार अधिकतम 5 लाख रु राशि का इलाज शासकीय एवं निजी चिकित्सालय में निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है.
कार्ड तैयार करने के लिए शासन ने TPA (THIRD PARTY AGENCY) VIDAL और FHPL कंपनी को टेंडर दिया है जो परीक्षण करने के उपरांत कार्ड का अप्रूवल प्रदान करती है. उनके द्वारा रिजेक्ट किये गये कार्ड के आवेदन SHA के पास जाते हैं जो आवेदक के विवरण का परीक्षण करने के बाद एलिजिबल होने पर कार्ड का अप्रूवल प्रदान करती है. अपात्र होने पर कार्ड का आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है. कार्य की बहुत अधिकता होने के कारण SHA द्वारा VIDAL और FHPL कंपनी को SHA की 5-5 लॉग इन आईडी उपलब्ध कराई गई थी जिनका उपयोग VIDAL और FHPL द्वारा किया जाता था.
आरोपी अनुराग श्रीवास्तव जिला अशोक नगर में VIDAL की ओर से डिस्ट्रिक्ट कार्डीनेटर के रुप में कार्य करता था. इस कारण वह अधिकृत रुप से SHA की लॉग इन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करता था. वह बाद में नौकरी छोड़कर चला गया. SHA (STATE HEALTH AGENCY ) के द्वारा आडिट करने पर पाया गया कि VIDAL और FHPL के द्वारा रिजेक्ट किये गये बहुत सारे कार्ड को SHA की लॉग इन आईडी से अप्रूव करके बहुत सारे अपात्र लोगों के फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार किये गये हैं. इन कार्डों के माध्यम से इलाज भी हुआ है जिससे शासन को लाखों रु की क्षति हुई है.
आडिट में पाया कि ये सभी कार्ड जिला अशोक नगर में VIDAL की ओर से डिस्ट्रिक्ट कार्डीनेटर के रुप में कार्य करने वाले अनुराग श्रीवास्तव नामक व्यक्ति द्वारा SHA की लॉग इन आईडी का अनाधिकृत रुप से उपयोग करते हुए अपात्र कार्डों का अप्रूवल प्रदान कर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाये गये है. SHA की लॉग इन आईडी का अनाधिकृत रुप से उपयोग कर, फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर शासन को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाने व्यक्ति की पहचान अनुराग श्रीवास्तव के रूप में की गई.
पूछताछ में आरोपी अनुराग श्रीवास्तव, जिला शिवपुरी ने बताया कि वह नमो कालोनी शिवपुरी में रहता है और वर्तमान में प्रापर्टी एवं आयुष्मान कार्ड बनाने का काम करता है. आरोपी ने वर्ष 2019 से 2022 तक VIDAL (TPA) में कार्य किया है. VIDAL (TPA) है जो कि म प्र आयुष्मान निरामय योजना के अंतर्गत काम करती है जिसका काम आयुष्मान कार्ड का अप्रूवल करना और TMS (TRACK MANAGEMENT SYATEM) के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारक के होने वाले इलाज की मानीटरिंग करना होता है.
आरोपी ने बताया मैं अशोक नगर जिला अस्पताल में डिस्ट्रिक्ट कार्डीनेटर के रुप में काम करता था. अनुराग श्रीवास्तव का काम जिले में संचालित हो रहे शासकीय अस्पतालों को आयुष्मान निरामय योजना से जोड़ने के लिए जानकारी SHA(SATATE HEALTH AUTHORITY) को भेजना था. फरवरी 2022 में मुझे VIDAL की तरफ SHA(SATATE HEALTH AUTHORITY) की लॉग इन आईडी प्रदाय की गई जिसमें मेरा मोबाइल नंबर रजिस्टर किया गया था जिसमें लॉग इन के दौरान ओटीपी आती थी उसी से लागिन होता था. जुलाई 2022 मे आरोपी ने देखा कि उसकी SHA वाली लागिन आईडी चालू है. इसके बाद उसने ये फर्जीवाड़ा शुरू किया.