तीन लोगों को बेंच दिया एक प्लॉट:चैक और नगदी लिए; तीनों को करा दी रजिस्ट्री

 

 

शहर के एक जमीन मालिक ने एक प्लॉट की रजिस्ट्री तीन लोगों को करा दी। दो वर्षों के भीतर उसने तीन लोगों को एक ही प्लॉट बेंच दिया। दूसरे को बेचने से पहले उसने पहली रजिस्ट्री कैंसिल भी नहीं कराई। तीनों से उसने पैसे और चेक ले लिए। जब खरीददार ने तहसील में प्लॉट के नामांतरण के लिए आवेदन दिया, तब पूरा मामला खुला। पुलिस ने जांच के बाद अब विक्रेता पर धोखाधड़ी की FIR दर्ज की है।
तीन लोगों को बेंच दिया एक प्लॉट:चैक और नगदी लिए; तीनों को करा दी रजिस्ट्री; पढ़िये पूरा मामला

गुनाएक घंटा पहले

शहर के एक जमीन मालिक ने एक प्लॉट की रजिस्ट्री तीन लोगों को करा दी। दो वर्षों के भीतर उसने तीन लोगों को एक ही प्लॉट बेंच दिया। दूसरे को बेचने से पहले उसने पहली रजिस्ट्री कैंसिल भी नहीं कराई। तीनों से उसने पैसे और चेक ले लिए। जब खरीददार ने तहसील में प्लॉट के नामांतरण के लिए आवेदन दिया, तब पूरा मामला खुला। पुलिस ने जांच के बाद अब विक्रेता पर धोखाधड़ी की FIR दर्ज की है।

मूल रूप से बमोरी इलाके के झागर गांव के रहने वाले धर्मेंद्र किरार ने बताया कि वह वर्तमान में शहर के बलवंत नगर में रहते हैं। उन्होंने एक प्लॉट शहर में खरीदा था। जब उन्होंने प्लॉट के नामांतरण के लिए तहसील में आवेदन किया तो सामने आया कि यह प्लॉट तो किसी और को भी बेंच दिया गया है। उन्होंने खुद के साथ हुई धोखाधड़ी के संबंध में एक आवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंपा। इस आवेदन में उन्होंने विक्रेता मनोज किरार केखिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करने और उनके पैसे वापस दिलाने की मांग की।

तीन लोगों को कराई रजिस्ट्री

SP ने आवेदन जांच के लिए कैंट थाने को फारवर्ड कर दिया। कैंट थाना पुलिस ने पूरे मामले की जांच की। पुलिस ने सबसे पहले धर्मेंद्र किरार के बयान लिए। अपने बयानों में उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में उन्होंने मनोहर किरार पुत्र अनिरूद्ध सिंह किरार निवासी झागर हाल बलवंतनगर में 600 वर्गफीट का एक प्लॉट खरीदा था। 1.51 लाख में प्लॉट का सौदा हुआ। उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर विक्रय पत्र संपादित कराया। प्लॉट का पेमेंट उन्होंने 50 हजार नगर और 1.01 लाख का चेक देकर किया। जब उन्होंने नामांतरण का आवेदन तहसील में लगाया, तो मुझे पता चला कि उक्त प्लाट की किसी दूसरे के नाम से रजिस्ट्री करा दी है। मनोज किरार से उन्होंने अपने रूपये व चैक वापस मांगे तो उसने नहीं दिये हैं।

इसके बाद पुलिस ने रजिस्ट्रार कार्यालय से जानकारी ली। इस जानकारी में सामने आया कि मनोहर किरार ने यह प्लॉट तीन लोगों को बेचा है। 11 दिसंबर 2019 को धर्मेंद्र करार को, 3 जनवरी 2020 को गोपाल किरार को और 8 अक्टूबर 2020 को धर्मेंद्र गोयल को बेंच दिया। प्लॉट की तीनों ही लोगों को रजिस्ट्री करा दी। मनोहर किरार ने पूर्व की रजिस्ट्री कैंसिल भी नहीं कराई गयी। बिना रजिस्ट्री कैंसिल कराए अन्य दो को रजिस्ट्री पर अपने हस्ताक्षर कर जमीन बेंची गई है। उसने धर्मेंद्र के साथ धोखाधडी कर रूपये तथा चैक ले लिये हैं और भूखंड गोपाल किरार एवं धर्मेन्द्र गोयल को विक्रय किया गया है। मनोहर किरार ने धोखाधडी पूर्वक रजिस्टार कार्यालय गुना से एक ही भूखण्ड की ई रजिस्ट्री करवाई। तीन बार प्लॉट बेंचा और रूपये तथा चैक लिये है। जब तहसील से जानकारी ली तो इस प्लॉट का नामांतरण धर्मेंद्र गोयल के नाम पर मिला। पुलिस ने आरोपी मनोहर किरार के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में FIR दर्ज कर ली है।

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