नई जीवन शैली की तरफ बढ़ता वित्तीय, व्यापारिक और सामाजिक ढांचा

ओमिक्रोन वायरस के आगमन के साथ ही देश विदेश हर जगह नये तौर तरीकों को पदार्पण और नियमों का गठन जरूरी हो चुका है. वित्तीय, व्यापारिक और सामाजिक ढांचे में बदलाव अब समय की मांग है, खासकर इन क्षेत्रों में सरकार और समाज को नये नियम बनाने होंगे:

1. वित्तीय क्षेत्र:

वित्त की उपलब्धता के लिए अब जरुरी होगा और उसी युनिट या प्रोजेक्ट को फाइनेंस मिलेगा जो कोविड नियमों के पालन के अनुरूप गठित किया गया है. जहाँ पर कर्मचारियों और उनके परिवारों की स्वास्थ्य जरूरत का ध्यान रखा जाता हो.

2. व्यापारिक क्षेत्र एवं रिटेल/ होलसेल ट्रेड:

अब जरूरी होगा कि उत्पादों की आनलाइन डिलीवरी सिस्टम बनाया जाए. भीड़ भाड़, आना जाना, बाजार लगना अब पुराने जमाने की बात हो जावेगी. जीरो डिफेक्ट सर्टिफाइड उत्पाद ही सिर्फ बेचे जावेंगे. बाजारों में आना जाना, निकलना सिर्फ पहले से बुकिंग के आधार पर ही होगा. वर्क फ्राम होम के कानूनी नियम और प्रक्रिया तैयार होंगी.

3. मनोरंजन और पर्यटन क्षेत्र:

होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमा घर, तीर्थ स्थल, मंदिर, हिल स्टेशन, पर्यटन स्थल, आदि सभी जगह बुकिंग आधार पर, समयावधि, समयानुसार, संख्यानुसार और कोविड अनुपालन के हिसाब से ही चलन बढ़ेगा. आनलाइन गेमिंग, ओटीटी प्लेटफार्म, इंटरनेट बेस्ड मनोरंजन समय की मांग होंगे.

4. ट्रैवल क्षेत्र:

पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बजाय प्राइवेट ट्रांसपोर्ट की जरूरत बढ़ेगी. प्राइवेट वाहन, क्रूज़, जेट खासकर अच्छी यातायात व्यवस्था और सड़क आधारभूत संरचना समय की जरूरत होगी.

5. शिक्षा क्षेत्र:

आनलाइन शिक्षा व्यवस्था, पढ़ाई, कोर्सेज, डिग्री की समुचित और व्यापक स्तर पर व्यवस्था करनी होगी. मानव संसाधन का सदुपयोग और क्षमता का दोहन और लाभ अब आनलाइन व्यवस्था को मजबूत एवं व्यापक बनाकर ही होगा.

6. स्वास्थ्य क्षेत्र:

नये हास्पिटल, डाक्टरों, लैब टेक्नीशियन, स्वास्थ्य सेवाओं की आसान, समुचित और उचित दरों पर उपलब्ध करना अब जरूरी होगा और इसके लिए स्वास्थ्य शिक्षा और सेवाओं की छोटे से छोटे स्तर पर तैयार करने होंगे.

7. कानूनी और सेवा क्षेत्र:

जिस तरह से आयकर विभाग ने आनलाइन व्यवस्था का आगाज कर दिया है, उसी तरह सभी कानूनी प्रणाली और न्याय व्यवस्था को आनलाइन मोड में लाना पड़ेगा. काग़ज़, दस्तावेजों और सबूतों की उपलब्धता ही न्यायिक निर्णय का आधार बनेंगी. बिना लिखा पढ़ी, रिकॉर्ड और दस्तावेजों के बिना काम का कोई आधार न होगा और इसलिए रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसियों एवं क्लाउड बेस्ड सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा.

8. लाजिस्टिक क्षेत्र:

उत्पादों के समयबद्धता और सही जगह पर डिलीवरी होना, समय की जरूरत होगी और इन क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनी का टेक्नोलॉजी युक्त होना जरूरी होगा ताकि इस क्षेत्र को गति मिल सकें एवं नये तौर तरीकों को बल मिल सकें.

9. साफ्टवेयर डेवलपमेंट:

उपभोक्ता की जरूरत के अनुसार साफ्टवेयर की उपलब्धता जो पारदर्शी हो, जो विश्वास योग्य हो और जो सरकार मापदंड के अनुसार हो- ऐसे साफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षेत्र में स्थापित कंपनियों का आनेवाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

10. डिजिटल पेमेंट सिस्टम और पत्राचार:

मिटिंग, पत्राचार, पेमेंट, मेल मिलाप, संसथागत बैठक, आदि की प्रक्रिया अब डिजिटल मोड पर जरूरी होगी और इस क्षेत्र में आनलाइन संसाधन की जरूरत समय की मांग होगी और साथ ही निजता एवं डाटा की सुरक्षा पर कानूनी प्रणाली मजबूत बनानी होगी.

उपरोक्त 10 क्षेत्र आने वाले समय में हमारी जीवन शैली, व्यापारिक, व्यवसायिक, न्यायिक, सामाजिक, वित्तीय और तौर तरीकों में न केवल परिवर्तन करेंगे बल्कि हमें दिशा दे रहे हैं हम अपने आपको किन क्षेत्रों के हिसाब से तैयार करें, बदलाव करें और क्षमता लाएं ताकि वायरस युक्त पर्यावरण में अपने और अपने परिवार को मजबूती से खड़ा रख सकें. साथ ही सरकार को अभी से नये आयामों के लिए तैयार रहना होगा तभी हम विश्व गुरु सही मायनों में बन सकेंगे.

लेखक एवं विचारक: (सीए) अनिल अग्रवाल

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