आए दिन सामने आ रहीं सांप्रदायिक गतिविधियां
डॉ. मिश्रा के कार्यकाल में मप्र दुष्कृत्य के मामलों में बना अव्वल
मूकदर्शक बने गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा
विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन:
मध्यप्रदेश में इन दिनों कानून व्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है। राज्य में आए दिन धार्मिक संगठनों से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं। कभी नीमच तो कभी उज्जैन तो कभी इंदौर। मप्र दुष्कृत्य के मामलों में अव्वल है। प्रदेश में एक साल में महिलाओं के साथ बलात्कार की 3135 घटनाएं हुई, जो देश में घटित घटनाओं का 14 प्रतिशत है। इंदौर की घटनाओं से जनता आंदोलित है। इंदौर में एक हफ्ते के भीतर गैंग रेप की तीन घटनाएं सामने आई हैं। वहीं शिवपुरी और भोपाल जिले के बैरसिया में भी बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश की बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े वायदे करने वाले शिवराज सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कितने संवेदनशील हैं, इस बात से प्रदेश की जनता पूरी तरह परिचित हो चुकी है। गृहमंत्री की लापरवाही और लचर कानून व्यवस्था के चलते प्रदेश में आए दिन बहू-बेटियों के साथ बलात्कार, छेड़छाड़ सहित मारपीट, आगजनी जैसी घिनौनी वारदाते हो रही हैं।
कुछ ऐसी घटनाएं जिनसे बिगड़ रहा प्रदेश का माहौल
पहली घटना- उज्जैन के गीता कॉलोनी में मोहर्रम का ताजिया उठने के दौरान भारी भीड़ जुटी थी। देश विरोधी और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने के बाद पुलिस ने वीडियो रिकार्डिंग और क्षेत्र में लगे CCTV फुटेज के आधार पर 15 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था। जिसमें से चार पर नामजद प्रकरण दर्ज किया गया है। इन चारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन बाद में घटना में वीडियो को एडिट करके चलाया गया था। इस बात की जानकरी निकल के सामने आई थी।
दूसरी घटना- इंदौर के तेजाजी नगर में 15 अगस्त को झंडावंदन के दौरान नायता मुंडला स्थित कावेरी बिल्डिंग में झंडा फहराने के दौरान लोगों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। इस पर दूसरे पक्ष ने भारत विरोधी नारे लगाए थे। इस दौरान लोगों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए और भगदड़ मच गई थी। घटना के बाद दोनों पक्षों के 15-15 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
तीसरी घटना- 13 अगस्त को पंढरीनाथ थाने क्षेत्र में बंबई बाजार में शरबत पीने गई वाल्मीकी समाज की दो नाबालिग बच्चियों के साथ वर्ग विशेष के कुछ युवकों ने छेड़छाड़ और मारपीट की। घटना के बाद समाज और हिंदू संगठन के लोग पंढरीनाथ थाने पर एकत्र हुए थे। मामले में कुछ लोगों की गिरफ़्तारी के बाद बंबई बाजार में काम बंद रखने की घोषणा की। पूरी इस घटना में दोनों पक्ष एक बार फिर आमने सामने हो गए थे।
चौथी घटना- मध्य प्रदेश के इंदौर में चूड़ी बेच रहे एक मुलिम युवक की पिटाई का वीडियो सामने आया है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और घटना को लेकर हंगामे के बाद पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर ली है। इस पूरे मामले पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि युवक खुद का नाम हिंदू बताकर इलाके में चूड़ियां बेच रहा था इसलिए भीड़ उग्र हो गई थी। उन्होंने दावा किया कि युवक के पास से दो आधार कार्ड भी बरामद होने की जानकारी मिली है।
यदि प्रदेश में कानून व्यवस्था का यही हाल रहा तो वो दिन दूर नहीं जब मध्यप्रदेश में सांप्रदायिकता से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगेगी। इसलिए शिवराज सरकार को तत्काल प्रभाव से इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए इस पर कड़ी कार्यवाही करना चाहिए, ताकि तत्काल प्रभाव से इस तरह के मामलों पर रोक लगाई जा सके। यह पहला अवसर नहीं है जब प्रदेश में इस तरह की स्थितियां पनप रही हैं। इससे पहले भी समय-समय पर धर्म विशेष के लोगों को टारगेट बनाया जाता रहा है। फिर वो चाहे किसी भी धर्म का व्यक्ति क्यों न हो। मध्यप्रदेश देश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां हर वर्ग और हर समाज के लोगों को बराबर का दर्जा मिला हुआ है। इतना ही नहीं यही वो राज्य है जहां आपसी सौहार्द की मिसाल दी जाती है, कि यहां के लोग कितने प्रेमपूर्वक एक साथ रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से सांप्रदायिकता से जुड़े मसले सामने देखने को मिल रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि यदि राज्य की शांति इस तरह से असामाजिक तत्वों द्वारा भंग करने की साजिश की जा रही है तो उन्हें रोकने के लिए प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और पुलिस प्रशासन क्या प्रयास कर रहा है? आखिर राज्य की कानून व्यवस्था इस तरह की गतिविधियों को रोकने में क्यों नाकाम रहती है।
लगातार आदिवासियो के साथ हो रही घटनाएं
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एकतरफ जहा आदिवासियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है वही उन्हीं के प्रदेश में आज भी आदवासियो के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हे। ताजा मामला प्रदेश के नीमच का है। जिले में एक वीभत्स घटना सामने आई है. मामूली कहानसुनी से नाराज होकर दबंगों ने एक आदिवासी को ट्रक से बांधकर काफी दूरी तक सड़क पर घसीटा। शरीर पर असंख्य घाव हो जाने के कारण पीड़ित की मौत हो गई। ‘नीमच-सिंगोली मार्ग पर खड़े बाणदा गांव का पीड़ित कन्हैयालाल भील खड़ा था। बाइक पर दूध ले जा रहे छीतरमल गुर्जर ने उसे टक्कर मार दी। जब कन्हैयालाल भील ने विरोध जताया तो धक्कामुक्की में छीतरमल का दूध सड़क पर बिखर गया। दूध बिखरने से गुस्साए छीतरमल ने आपा खोते हुए कन्हैयालाल भील की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद छीतरमल ने अपने दोस्तों को बुलाकर फिर दोबारा कन्हैयालाल के साथ मारपीट की। इस दौरान वहां से गुजर रहे एक वाहन के पीछे कन्हैयालाल को रस्सी से बांधकर सड़क पर घसीटा गया। यह पहला ऐसा मामला नहीं हैं इससे पहले भी लगातार आदवासी लोग इस तरह की घटनाओं का शिकार हो चुके है। वाबजूद उसके प्रदेश का कानून आंख में पट्टी बांध महज मूक दर्शक बना हुआ है।