देश में बढ़ा कोरोना का कहर, केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए ये सख्त निर्देश

 

 

 

नई दिल्‍ली: केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने कोविड-19 मामलों में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों व स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसे देश में कई लोग भारत में महामारी की ‘दूसरी लहर’ कह रहे हैं।

केंद्र ने पिछले दो हफ्तों में बढ़ते दैनिक मामले और उच्च दैनिक मौतों के कारण 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ‘गंभीर चिंता’ के तहत चिन्‍हित किया है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पिछले 14 दिनों में कोविद मामलों के 90% (31 मार्च को) और 90.5% मौतों (31 मार्च को) के रूप में योगदान दिया है।

महाराष्ट्र में स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, उन्हें सक्रिय मामलों और दैनिक मौतों को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और उच्च प्रभावी उपाय करने की सलाह दी गई। कैबिनेट सचिव ने बताया कि मार्च 2021 में 6.8% पर मामलों की वर्तमान वृद्धि दर पिछले साल जून से 5.5% के पिछले रिकॉर्ड में सबसे ऊपर है।

भारत सितंबर 2020 में महामारी के चरम पर 97,000 दैनिक मामलों के बारे में रिपोर्ट कर रहा था, देश अब शुक्रवार तक 81,000 दैनिक नए मामलों के महत्वपूर्ण आंकड़े तक पहुंच गया है।

टियर 2 और टियर 3 शहरों के साथ-साथ पेरी-शहरी क्षेत्रों ने हाल के उच्च मामलों को दर्ज किया है। कमजोर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ इन क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण फैलने से स्थानीय प्रशासन भी प्रभावित होगा।

राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए सख्त निर्देश:

यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार परीक्षण बढ़ाएं कि सकारात्मकता 5% या 5% से कम आए।
आरटी-पीसीआर परीक्षण सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कुल परीक्षणों का 70% शामिल किया जाए
परीक्षण प्रयोगशालाओं के साथ नियमित समीक्षा के साथ परीक्षा परिणामों के प्रतीक्षा समय को कम करें
घनी आबादी वाले क्षेत्रों में और जहां ताजे क्लस्टर उभर रहे हैं, स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) का उपयोग करें
सभी रोगसूचक आरएटी नकारात्मक आरटी-पीसीआर परीक्षणों के अधीन अनिवार्य हैं
संस्थागत सुविधाओं (कोविड केयर सेंटर) में संक्रमित लोगों के प्रभावी और त्वरित अलगाव सुनिश्चित करें। सुनिश्चित करें कि घर पर अलग-थलग पड़े मरीजों की रोजाना निगरानी की जाए। आवश्यक होने पर संक्रमित व्यक्तियों को तुरंत स्वास्थ्य सुविधाओं में ट्रांसफर किया जाए
सुनिश्चित करें कि प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति के लिए 25 से 30 ऐसे नज़दीकी संपर्क हों। 72 घंटों में करीबी संपर्कों और उनके क्‍वारंटीन का पता लगाना।
संचरण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कंटेंमेंट जोन/माइक्रो कंटेंमेंट जोन की स्थापना

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