जुगाड़ से आगे, बांग्लादेश के ‘पीछे’:आर्थिक सर्वे 2021 की 10 बातें

 

 

आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21, 29 जनवरी को संसद में पेश हुआ. बजट से ठीक पहले हर साल आने वाले इस डॉक्यूमेंट में बीते वर्ष की आर्थिक स्थिति और भविष्य की आर्थिक संभावनाओं के बारे में चर्चा और अनुमान होता है. आइए नजर डालते है इकोनॉमिक सर्वे 2020-21 के दस सबसे अहम बिंदुओं पर

1.सर्वे में चालू वित्त वर्ष 2020-21 में GDP के 7.7% सिकुड़ने का अनुमान जताया गया है. अप्रैल की पहली तारीख से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021-22 में रियल GDP में 11% जबकि नॉमिनल GDP में 15.4% की वृद्धि संभावित है.

2.भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड के प्रभाव से पूरी तरह निकलने में 2 वर्षों का समय लग सकता है. वैक्सीनेशन के दम पर हालांकि इससे पहले भी सामान्य स्तरों पर वापसी संभव है. सर्वे के मुताबिक सरकार को फिस्कल एक्सपैंशन से नहीं कतराना चाहिए.

3. एक्सटर्नल डेब्ट भारत के GDP रेश्यो के तौर पर मार्च 2020 के 20.6% से बढ़कर सितम्बर में 21.6% हो गया. मजबूत आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए सर्वेक्षण में इस बारे में चिंता नही रखने का सुझाव है.

4. स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इकनॉमिक सर्वे में सेक्टर आधारित रेगुलेटर की जरूरत समेत अनेक अहम बातों का जिक्र है. आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडिचर को घटाने के लिए पब्लिक हेल्थ स्पेंडिंग को बढ़ाकर GDP के 2.5-3.0% तक करने पर काफी जोर दिया गया है.

5. 2012 की तुलना में 2018 में बेयर नेसेसिटीज यानी मूलभूत जरूरतों के मामले में हर राज्य के प्रदर्शन में काफी सुधार देखा गया. इस श्रेणी में कुल 5 चीजें- पानी की उपलब्धता, हाउसिंग, सैनिटेशन, माइक्रो एनवायरनमेंट और अन्य फैसिलिटीज आती है.

6.वित्त वर्ष 2020-21 में 2.10 लाख करोड़ के विनिवेश के लक्ष्य में से 20 जनवरी, 2021 तक केवल 15,220 करोड़ का लक्ष्य प्राप्त किया जा सका था. कोविड संक्रमण के कारण विपरीत हालत इसकी वजह बनी.

7. बीते वर्ष लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों को समर्थन देते हुए सर्वे में इसे छोटे और सीमांत किसानों के लिए काफी हितकर बताया गया है. ऐसे किसान देश के कुल किसानों का करीब 85% है.

8.कोविड संक्रमण से उबरने के बाद बैंकों के एसेट क्वालिटी रिव्यु को इकनॉमिक सर्वे में अहम बताया गया है. बैंक-बुक्स का क्लीन होना पहले जैसी विपरीत परिस्थितियों का ना आना सुनिश्चित करेगा.

9. सर्वेक्षण के मुताबिक भारत को ‘जुगाड़’ से आगे बढ़कर रिसर्च एवं डेवलपमेंट में बड़ा निवेश करना होगा. प्राइवेट प्लेयर्स के इस क्षेत्र में बड़े योगदान की अपेक्षा भी जताई गई है.

10. इकनॉमिक सर्वे में बांग्लादेश के एक्सपोर्ट में ग्रोथ की कहानी का भी जिक्र किया गया है. 2011 से 2019 के बीच बांग्लादेश का एक्सपोर्ट 8.6% CAGR की दर से बढ़ा जबकि भारत और विश्व के लिए यह केवल 0.9% और 0.4% रहा. पड़ोसी मुल्क के टॉप 5 वस्तुओं का योगदान निर्यात में 90% है. भारत में यह केवल 40% है.

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