मध्‍य प्रदेश में भी खिला कमल

 

 

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे अब साफ गए हैं. बीजेपी 19 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज कर रही है, वहीं कांग्रेस 9 सीटों पर जीत दर्ज कर पा रही है. भाजपा के पास 230 सदस्यीय विधानसभा में 107 विधायक हैं और सत्ता में रहने के लिए उसे कम से कम नौ सीटों की आवश्यकता थी. वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस को सत्‍ता में लौटने के लिए सभी 28 सीटें जीतनी थीं, या फिर बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के साथ जोड़तोड़ कर सरकार बनाने के लिए कम से कम 21. मगर इन सभी कयासों पर पानी फिर गया और शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकारी बचाने में सफल रहे. पार्टी की इस शानदार जीत पर पूर्व पार्टी अध्‍यक्ष गृहमंत्री अमित शाह ने भी प्रदेश पार्टी नेतृत्‍व को बधाई दी है.

बीजेपी के नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने आजतक से बात करते हुए अपनी सफलता के लिए पार्टी के हर एक कार्यकर्ता को धन्‍यवाद दिया और प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन अध्‍यक्ष विष्‍णुदत्‍त शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत को इस जीत का श्रेय और बधाई दी. अपनी पार्टी की जीत पर उन्‍होंने खुशी जताई और कांग्रेस की हार पर कोई भी टिप्‍पणी करने से मना कर दिया.

हार के बाद पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने जनादेश का सम्‍मान जताया. उन्‍होंने कहा, “हम जनादेश को शिरोधार्य करते हैं. हमने जनता तक अपनी बात पहुंचाने का पूरा प्रयास किया. मै उपचुनाव वाले क्षेत्रों के सभी मतदाताओं का भी आभार मानता हूँ. उम्मीद करता हूँ कि भाजपा की सरकार किसानों के हितों का ध्यान रखेगी, युवाओं को रोजगार देगी, महिलाओं का सम्मान व सुरक्षा कायम रखेगी, प्रदेश के नव निर्माण के हमारे काम को आगे बढ़ायेगी, प्रदेश को विकास व प्रगति के पथ पर अग्रसर करेगी. हम जनादेश को स्वीकार कर विपक्ष का दायित्व निभाएंगे, प्रदेश हित और जनता के हित के लिए सदैव खड़े रहेंगे, संघर्षरत रहेंगे.”

मप्र में एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई है। दो साल के सियासी उतार-चढ़ाव के बाद हुए उपचुनाव में 28 में से 19 सीटें जीतकर भाजपा 107 से 126 सीटों पर पहुंच गई जो बहुमत के आंकड़े 115 से 11 सीटें ज्यादा है। कांग्रेस को नौ सीटों पर जीत मिली है। उपचुनाव के स्पष्ट जनादेश से साफ है कि जनता ने शिवराज सिंह पर भरोसा दिखाया है।

कांग्रेस सरकार का तख्ता पलट करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 19 में से 13 लोगों ने जीत दर्ज की। जबकि मंत्री इमरती देवी और गिर्राज दंडोतिया के साथ जसमंत जाटव, रणवीर जाटव, रघुराज कंसाना और मुन्नालाल गोयल हार गए। एक अन्य मंत्री एंदल सिंह कंसाना भी चुनाव हारे। खास बात यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी का असर चंबल-ग्वालियर में ही दिखाई दिया। यहां की 16 सीटों में से सात पर कांग्रेस को जीत मिली। बाकी जगहों पर मुख्यमंत्री शिवराज-सिंधिया की जोड़ी चली। ग्वालियर-चंबल के बाहर की नौ सीटों पर 20 हजार से अधिक वोटों की हार-जीत हुई।

सिंधिया के 6 समर्थक हारे, 6 शिवराज समर्थक जीते
सिंधिया ने जब पार्टी बदली, 22 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी। इनमें 19 सिंधिया समर्थक थे। तीन को भाजपा ने तोड़ा था। ये तीन थे- एंदल सिंह कंसाना, बिसाहू लाल और हरदीप डंग। सिंधिया गुट के 19 में से 6 हारे। जीते तेरह। शिवराज गुट के 9 में से तीन हारे। जीते छह। 229 की मौजूदा क्षमता में बहुमत के लिए 115 चाहिए। सिंधिया गुट को छोड़ भाजपा अब 107+6=113 हो गई है। उसे 2 की ही जरूरत होगी।

अन्य सात में से एक निर्दलीय और बसपा के दो विधायक भाजपा के पक्ष में हैं। बाकी भी विरोधी तो नहीं ही हैं। फिर भी सरकार सिंधिया गुट के बिना कम्फर्ट में नहीं रहेगी। यही वजह है कि सिंधिया का कद भाजपा में बढ़ गया है। अब अगले विस्तार में सिंधिया को केंद्र में मंत्री पद मिलने की संभावना भी बढ़ गई है। भाजपा सिंधिया के चेहरे का इस्तेमाल अन्य राज्यों में कर सकती है, क्योंकि मप्र में सरकार बनाकर चुनाव जीतने वाला फाॅर्मूला कामयाब हो गया है। इसका पहला असर राजस्थान में हो सकता है।

कमलनाथ ने हार स्वीकारी, कहा-जनादेश शिरोधार्य
उपचुनाव के नतीजों पर कमलनाथ ने कहा- हम जनादेश को शिरोधार्य करते हैं। हमने जनता तक अपनी बात पहुंचाने की पूरी कोशिश की। हम विपक्ष में रहकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे।

उधर, मुख्यमंत्री शिवराज ने ट्वीट कर कहा- मैं सभी जीते हुए प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देता हूं। आप सभी समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कमर कस लें। जो सफल नहीं हो पाए, वे हताश न हों, जनता के हित के लिए आपका संघर्ष जारी रहे।

कमलनाथ और दिग्विजय गद्दार: ज्योतिरादित्य
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपचुनाव के रिजल्ट के बाद एक बार फिर कमलनाथ और दिग्विजय पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- नतीजों ने साबित किया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गद्दार हैं। दरअसल, भाजपा में शामिल होने के बाद लगातार कांग्रेस नेता उन्हें गद्दार कहते थे।

भाजपा की सबसे छोटी और बड़ी जीत
भांडेर सीट पर भाजपा की रक्षा संतराम सिरोनिया ने सबसे छोटी जीत दर्ज की। रक्षा ने महज 161 वोटों से कांग्रेस के फूलसिंह बरैया को हराया। वहीं, सांची में भाजपा प्रत्याशी और मंत्री प्रभुराम चौधरी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। प्रभुराम को 1 लाख 15 हजार 511 वोट मिले। उन्होंने 63 हजार 809 वोटों के अंतर से कांग्रेस के मदन लाल चौधरी को हराया।

14 सीटें, जहां मंत्री थे मैदान में:

सीट किसके बीच था मुकाबला कौन जीता
सांवेर तुलसीराम सिलावट (भाजपा) और प्रेमचंद्र गुड्‌डू (कांग्रेस) तुलसीराम सिलावट जीते
सुरखी गोविंद सिंह राजपूत (भाजपा) और पारुल साहू (कांग्रेस) गोविंद सिंह राजपूत जीते
ग्वालियर प्रद्यु्म्न सिंह तोमर (भाजपा) और सुनील शर्मा (कांग्रेस) प्रद्यु्म्न सिंह तोमर जीते
डबरा इमरती देवी (भाजपा) और सुरेश राजे (कांग्रेस) सुरेश राजे जीते
बमोरी महेंद्र सिंह सिसौदिया (भाजपा) और कन्हैया लाल (कांग्रेस) महेंद्र सिंह सिसौदिया जीते
सुमावली एंदल सिंह कंसाना (भाजपा) और अजब सिंह कुशवाह (कांग्रेस) अजब सिंह कुशवाह जीते
दिमनी गिर्राज दंडोतिया (भाजपा) और रविंद्र सिंह तोमर (कांग्रेस) रविंद्र सिंह तोमर जीते
बदनावर राजवर्धन सिंह (भाजपा) और कमल पटेल (कांग्रेस) राजवर्धन सिंह जीते
सांची प्रभुराम चौधरी (भाजपा) और मदन लाल चौधरी (कांग्रेस) प्रभुराम चौधरी जीते
पोहरी सुरेश धाकड़ (भाजपा) और हरिवल्लभ शुक्ला (कांग्रेस) सुरेश धाकड़ जीते
अनूपपुर बिसाहूलाल सिंह (भाजपा) और विश्वनाथ सिंह कुंजाम (कांग्रेस) बिसाहूलाल जीते
सुवासरा हरदीप सिंह डंग (भाजपा) और राकेश पाटीदार (कांग्रेस) हरदीप सिंह डंग जीते
मुंगावली बृजेंद्र सिंह यादव (भाजपा) और कन्हाई राम लोधी (कांग्रेस) बृजेंद्र सिंह यादव जीते
मेहगांव ओपीएस भदौरिया (भाजपा) और हेमंत कटारे (कांग्रेस) ओपीएस भदौरिया जीते

अन्य सीटों के अपडेट्स:

  • मांधाता से भाजपा के नारायण सिंह पटेल 22129 वोट से चुनाव जीते।
  • मलहरा से भाजपा के प्रद्युम्न सिंह लोधी जीते। उन्होंने कांग्रेस की रामसिया भारती को 17567 वोट से हराया।
  • मुरैना से कांग्रेस के राकेश मावई चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा के रघुराज सिंह को 5751 वोट से हराया।
  • गोहद से कांग्रेस के मेवालाल जाटव जीते। उन्होंने भाजपा के रणवीर जाटव को 11899 वोट से हराया।
  • हाटपिपल्या से भाजपा के मनोज चौधरी जीते। उन्होंने कांग्रेस के राजवीर सिंह बघेल को 13904 वोट से हराया।
  • जौरा में भाजपा के सूबेदार सिंह जीते। उन्होंने कांग्रेस के पंकज उपाध्याय को 13446 वोट से हराया।
  • नेपानगर में भाजपा की सुमित्रा देवी कास्डेकर जीतीं। उन्होंने कांग्रेस के रामकिशन पटेल को 26340 वोट से हराया।
  • करैरा से कांग्रेस के प्रागीलाल जाटव जीते। उन्हाेंने भाजपा के जसमंत जाटव को 30641 वोट से हराया।
  • अम्बाह से भाजपा के कमलेश जाटव जीते। उन्होंने कांग्रेस के सत्यप्रकाश शखवार को 13761 वोट से हराया।
  • ब्यावरा में कांग्रेस के रामचंद्र दांगी जीते। उन्होंने भाजपा के नारायण सिंह पंवार को 12102 वोट से हराया है।
  • ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस के सतीश सिकरवार ने जीत दर्ज कर ली है, उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी मुन्ना लाल गोयल को 8555 वोट से हराया है।
  • आगर से कांग्रेस के विपिन वानखेड़े जीते। उन्होंने भाजपा के मनोज ऊंटवाल को 1998 वोट से हराया।
  • भांडेर से भाजपा की रक्षा राम सिरोनिया जीत गईं हैं। उन्होंने 161 वोट से फूलसिंह बरैया को हराया है।
  • अशोकनगर से भाजपा के जजपाल सिंह जज्जी जीते। उन्होंने कांग्रेस की आशा दोहरे को 14630 वोट से हराया।
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