राज्यसभा में पेश हुआ कृषि विधेयक

संसद के मानसून सत्र की आज 7वां दिन है। कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर आज संसद की अंतिम मुहर लग सकती है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में कृषि से जुड़े विधेयकों को राज्यसभा में पेश कर दिया है। लोकसभा से दोनों बिल पहले ही पास हो चुके हैं। किसानों से जुड़े संगठन इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, विपक्ष भी इन बिलों का विरोध कर रहा है। केंद्र सरकार इसे किसानों के लिए फायदेमंद बता रही है। 243 संख्या वाले राज्यसभा में ऐसे दलों की सदस्य संख्या 125 के आसपास है जो समर्थन करेंगे। वहीं विपक्ष में खड़ी शिवसेना ने कांग्रेस को साफ कर दिया है कि वह विरोध तो करेगी लेकिन वोट नहीं करेगी।

किसानों के लिए डेथ वारंट:

राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध करती है। पार्टी किसानों के इस डेथ वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

 

कृषि मंत्री तोमर ने पेश किया कृषि विधेयक:

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होंगे। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा। कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि इस बिल से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इस बिल से किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा।

कांग्रेस करेगी विधेयक का विरोध:

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह साफ है कि इस सरकार का मकसद हमारे किसानों को नष्ट करना और कॉर्पोरेट की मदद करना है। हमारी पार्टी ने कृषि विधेयकों का विरोध करने का निर्णय लिया है। सरकार को विधेयकों पर पुनर्विचार करना होगा, कम से कम उन्हें इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजना चाहिए।

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