प्रदेश में गत दो दिनों से हो रही बारिश के चलते प्रदेश के सभी नदी-नाले उफान पर आ गए। उधर, प्रदेश के लगभग सभी बांधों के गेट भी खोल दिए गए। नर्मदा नदी सहित अनेक नदियां उफान पर आ गईं। अनेक मार्ग अवरुद्ध हो गए। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से भी टूट गया। प्रदेश में तेज बारिश से यह जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है.
होशंगाबाद जिलें में शुरू हुआ बचाव कार्य,200 लोगों को निकाला बाहर : होमगार्ड के 110 जवान एवं एसडीआरएफ के 28 जवानों की टीम ने महिमा नगर से लगभग 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
शहर में पानी भर जाने के कारण हाेमगार्ड द्वारा नाव भी चलाई गई है। इसमें महिमा नगर, डाेंगरवाड़ा, संजय नगर, ग्वालटाेली, जासलपुर, बालाभेंट, बांद्राभान, धानाबढ़ में नाव से लाेगाें काे रेस्कयू कर निकाला गया है। पानी भर जाने के कारण लाेगाें काे घर से निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।
बारिश से क्षेत्र में नदी उफान पर हैं। ग्राम मकोड़िया का सड़क संपर्क टूट गया। शनिवार सुबह होशंगाबाद जिला अस्पताल में एक युवक की बीमारी के चलते मौत होने पर मार्ग बंद होने की स्थिति में ग्रामीणों ने रेल पटरी से पैदल चलकर युवक का शव गांव मकोडिया पहुंचाया।
शहर में 1973 में अभी तक की सबसे बड़ी बाढ़ आई है। इस समय नर्मदा का जलस्तर 987 फीट तक गया था। इस बार यह जलस्तर इसके पार कर सकता है। शहर में हर तरफ पानी ही पानी हाे गया है। लगातार हो रही तेज बारिश से शहर के निचले इलाके महिमा नगर, ग्वालटोली, हरदा पुल, संजय नगर कॉलोनी और एसपीएम रोड गेट नंबर एक के पास पानी भरा गया। लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नाव चलानी पड़ी। करीब 200 लाेगाें काे सुरक्षित निकाला।
ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोलकर पानी छोड़ने से शनिवार को नावघाट खेड़ी क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ा। रात 11 बजे से मोरटक्का पुल के ऊपर से पानी जाने लगा। ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट खोलकर पानी छोड़ने से नावघाट खेड़ी क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ा। खंडवा से इंदौर के वाहनों को देशगांव व इंदौर से खंडवा के वाहनों को तेजाजीनगर से डायवर्ट कर िकया। नर्मदा ने 165 मीटर को खतरे के निशान को लांघा तो आवागमन पर रोक लगा दी गई। वाहन मोरटक्का के एक्वाडक्ट पुल पर से होकर बड़वाह पहुंचे।