विभिन्न वेबसाइट पर कस्टमर केयर प्रतिनिधि तथा हेल्पलाइन नम्बर के स्थान पर ठगी करने वाले व्यक्तियों द्वारा स्वयं के मोबाईल नम्बर किये गए अपलोड, प्राप्त शिकायतों की जाँच पर से 31 आरोपियों के विरुद्ध हुआ मुकदमा दर्ज।
क्राइम ब्रान्च थाने पर हुआ प्रकरण पंजीबद्ध।
किसी कम्पनी अथवा संस्थान से मदद लेने हेतु गूगल सर्च करने पर, लोगों को प्राप्त होते थे ठगी करने वालों के नम्बर।
31 जुलाई 2020,
पुलिस उपमहानिरीक्षक हरिनारायणाचारी मिश्र (शहर) इंदौर द्वारा लोगों के छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले अपराधियों की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु इंदौर पुलिस को निर्देशित किया गया। उक्त निर्देशों के तारतम्य में पुलिस अधीक्षक इंदौर सूरज वर्मा के मार्गदर्षन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक क्राईम ब्रांच राजेश दण्डोतिया द्वारा ऑनलाईन ठगी की शिकायतों की जांच हेतु विशेष टीमों का गठन किया गया है जिसमें रोजाना विभिन्न माध्यमों से शिकायतें प्राप्त होती हैं। इस प्रकार प्राप्त शिकायतों का प्रभावी पर्यवेक्षण कर अपुअ अपराध द्वारा क्राईम ब्रांच थाने में ठगी करने वाले आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 09/20 धारा 419, 420, 120 बी भादवि तथा 43, 66 आईटी एक्ट के तहत कायम कराया गया है।
प्रायः यह देखने मे आ रहा है कि ठगी करने वाले लोगों द्वारा विभिन्न कम्पनियों के फर्जी वेबसाइट बना ली गई अथवा कुछ ठगों द्वारा गूगल सर्च के दौरान प्राप्त होने वाले कस्टमर केयर नम्बर के स्थान पर छलपूर्वक स्वयं के नम्बर अपडेट किये गए हैं।
ऐसी स्तिथि में जब कोई व्यक्ति आवश्यकतानुसार किसी कम्पनी अथवा वेबसाइट पर हेल्पलाइन या कस्टमर केयर नम्बर गूगल के माध्यम से सर्च करता है तो उसे जो नम्बर प्राप्त होते हैं वो ठगी करने वाले लोगों के होते हैं किंतु व्यक्ति इस बात से अनभिज्ञ रहता है कि वह जिन्हें फोन करने जा रहा है वह ठग हैं, दरअसल वह अपनी समस्या के समाधान के लिए गूगल से प्राप्त नम्बर पर सम्पर्क करते हैं जहाँ पर सक्रिय ठग गिरोहों के लोग स्वयं को विभिन्न कंपनी अथवा संस्थाओं का कर्मचारी/प्रतिनिधि बताते हुए आवेदको को झांसे देकर विश्वास में लेते हैं। बाद मनमुताबिक लिंक भेजकर, ओटीपी माँगकर या अथवा अन्य वित्तीय लेन देन में प्रयुक्त होने वाली गोपनीय तथा निजी जानकारी प्राप्त कर लोगों के साथ ठगी करते हैं।
धोखाधड़ीपूर्वक विभिन्न खातो में जिन व्यक्तियों द्वारा अवैध लाभ अर्जित करते हुए आवेदकगणों मारूति नंदन, रावीर राजपूत, खालिद कुरैषी, अवनीश पाठक, पीयुष अग्रवाल, ओमप्रकाष जाटव, ऋचा सिंह आदि को ठगी का शिकार बनाया गया है उनकी शिकायत पर सदोष आर्थिक ठगी कारित करने के परपेक्ष्य में ऐसे 31 आरोपियों, के विरुद्ध क्राईम ब्रान्च इंदौर थाने में अपराध क्रमांक 09/20 धारा 419, 420, 120 बी भादवी 43, 66 आई टी एक्ट के तहत पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया है।
आरोपियों करने का तरीका लगभग एज ही प्रकार का पाया गया है जिसमें आरोपीगणों द्वारा विभिन्न संस्था, बैंक, कंपनी, पैमेंट वॉलेट, आदि कि वेबसाईट पर षड्यंत्र पूर्वक स्वंय के मोबाईल नंबर अपलोड किये गये हैं तथा फर्जी तरीके से ये स्वयं को इन संस्था, बैक, कंपनी, पैमेंट वॉलेट आदि का कस्टमरकेयर प्रतिनिधि, कर्मचारी, अधिकारी, होना प्रदर्शित कर आवेदको की समस्या का समाधान करने का झांसा देकर विभिन्न ऑनलाईन पेमेट प्रोसेस के माध्यम से एवं विंडो शेयरिंग एप के जरिये आवेदको की राशि आहरित कर और मरचेंट खातों (विक्रयकर्ता फर्म) में राशि ट्रांसफर व शॉपिंग कर षडयंत्रपूर्वक सुनियोजित तरीके से धोखाधडी एवं छल पूर्वक ठगी कर सदोष अवैध लाभ अर्जित करते हैं जिसके सम्बध में क्राइम ब्रांच इंदौर में प्राप्त शिकायतों की जाँच की गई, बाद आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोपीगणों का नेटवर्क भारत के कई राज्यों में सक्रिय है जिनमें से प्राप्त शिकायतों का अवलोकन करने पर आरोपियों की लोकेशन कुड़पाह आन्ध्रप्रदेश, गुड़गांव हरियाणा, अंधेरी मुंबई, बहेला कोलकाता, फर्रूखाबाद/बलिया/बहराईच/कानपुर/कौषाम्बी उ0प्र0, धावादेवधर/धनबाद/जमतारा/ आसनसोल झारखण्ड, जमुरिया/केलाबाद राईखा मालदा/मुर्सीदाबाद/परगण्ना पष्चिम बंगाल, थाणे महाराष्ट्र, जोधपुर राजस्थान आदि पर होना ज्ञात हुई है। जांच में बैंक खातें, मोबाईल सिम, वैलेट केवायसी आदि के संबंध में दस्तावेज प्राप्त करने पर आरोपियों की पहचान सुनिष्चित हो सकी है।