MP:नोवल कोरोना वायरस संबंधी जिज्ञासाओं का समयबद्ध समाधान करेगी

एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली

भोपाल : सोमवार, मार्च 23, 2020, 

 

प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिये एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली (Integrated Communication and control system) स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने इस संबंध में सभी संभागायुक्त, कलेक्टर तथा जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश जारी किये हैं।

एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली में आमजनता को इस बीमारी के संबंध में जानकारी दी जायेगी। साथ ही लोगों की जिज्ञासाओं और समस्याओं का समयबद्ध समाधान भी किया जायेगा। प्रणाली के अंतर्गत सूचानाओं के त्वरित आदान-प्रदान, विभिन्न एजेन्सियों के मध्य आपसी समन्वय, आम नागरिकों से संवाद और वर्तमान परिस्थितियों पर प्रभावी नियंत्रण के प्रयास किये जाएंगे।

एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली का उद्देश्य : कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिये शक्तिशाली सामुदायिक निगरानी तंत्र की स्थापना, कोरोना संक्रमित/संदिग्ध मरीजों एवं उनके संपर्क में आये व्यक्तियों की शीघ्र पहचान और उन्हें समुदाय में आगे संक्रमण फैलाने से रोकने के लिये त्वरित कार्यवाही करना, कोरोना संक्रमित संदिग्ध व्यक्तियों को जांच एवं उपचार की संस्थागत व्यवस्था उपलब्ध कराना, कोरोना के विषय में नागरिकों के भ्रम तथा संशय दूर करके उन्हें सही एवं अद्यतन जानकारी प्रदान करना एवं सामाजिक जागरूकता लाना और आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर नागरिकों को कोरोना के संबंध में विशेषज्ञ सलाह, परीक्षण आदि की सुविधाएँ उपलब्ध कराना है, ताकि वायरस का संक्रमण न्यूनतम क्षेत्र में सीमित कर उसे समाप्त किया जा सके।

नोडल अधिकारी : राज्य स्तर पर इस प्रणाली के संचालन के लिय  बी. चंद्रशेखर कार्यपालक निदेशक, राज्य लोक सेवा अभिकरण तथा  नन्दकुमारम प्रबंध संचालक, म.प्र. इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मैप आईटी, भोपाल रहेंगे। जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत पदेन नोडल अधिकारी होंगे। प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर नगरों में आयुक्त, नगर पालिक निगम पदेन नोडल अधिकारी होंगे।

हेल्पलाइन नम्बर्स : प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से तथा त्वरित कार्यवाही की अपेक्षा से अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक सी.एम. हेल्पलाइन 181 तथा स्वास्थ्य हेल्पलाइन 104 को कोरोना संक्रमण बचाव कार्य के लिये एकीकृत कर प्रयोग किया जायेगा। इसके लिये यह सुनिश्चित किया गया है कि आम नागरिक 181 अथवा 104 दोनों में से किसी भी नम्बर पर कॉल कर सकते है। यह कॉल सुविधा पूर्णत: नि:शुल्क होगी। यह कॉल सेंटर 24×7 कार्य करेंगे।

एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली पर आने वाले कॉल्स को पांच वर्गों में विभाजित किया गया है। ए. श्रेणी के कॉल्स की श्रेणी में कोरोना वायरस संक्रमण के विषय में सामान्य जिज्ञासाओं एवं जानकारी प्राप्त करने के लिये आने वाले कॉल्स सम्मिलित किये जायेंगे। इसके अंतर्गत निकट उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी, शासन द्वारा जारी आदेशों एवं निर्देशों के संबंध में जानकारी, सहायता की आवश्यकता होने पर किन अधिकारियों/विशेषज्ञों से सम्पर्क किया जाना होगा। इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिये आने वाले कॉल्स सम्मिलित होंगे। प्रणाली के माध्यम से कोरोना के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिये आने वाले ऐसे सभी कॉल्स की प्रकृति को ड्रापडाउन मेनू के माध्यम से वर्गीकृत किया जायेगा। इसके लिये पूर्व से प्रशिक्षित कॉल अटेण्डर्स द्वारा कॉलर को आवश्यक जानकारियां प्रदान की जाएगी।

बी. श्रेणी के कॉल्स श्रेणी में वे कॉल्स सम्मिलित होंगे, जो उनके आस पड़ोस में रहने वाले अथवा उन्हें किसी कारणवश कोरोना संक्रमण से संदिग्ध प्रतीत होने वाले व्यक्तियों की जानकारी विभाग को देना चाहेंगे। ऐसे प्रकरणों में यदि कॉलर द्वारा कोरोना संदिग्ध व्यक्ति का संपर्क नम्बर बता दिया जाता है, तो कॉल सेंटर तत्काल उस संदिग्ध व्यक्ति से दूरभाष पर संपर्क करेगा और तत्काल ऐसे कॉल्स को सी श्रेणी में अंतरित कर देगा। यदि संदिग्ध व्यक्ति का कोई दूरभाष नम्बर प्राप्त नही होता है, तो ऐसी स्थिति में कॉल सेंटर द्वारा तत्काल इसकी सूचना यथा स्थिति स्थानीय प्रशासनिक मोबाइल यूनिट अथवा मेडिकल मोबाइल यूनिट को दी जायेगी। प्रशासनिक मोबाइल यूनिट वो मोबाइल यूनिट होगी, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी संयुक्त रूप से निरंतर पेट्रोलिंग करेंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक संदिग्ध रोगी की पहचान कर उसके संबंध में जांच एवं इलाज की यथा स्थिति होम क्वेरेन्टाइन अथवा अन्य आवश्यक प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यवाही हो। मेडिकल मोबाइल यूनिट में पैरामेडिकल तथा कम्यूनिटी हेल्थ वर्कर्स की टीम बनाकर उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में कर्तव्यस्थ किया जायेगा। यदि कॉलर की सूचना प्रारंभिक जांच के बाद सही पाई जाती है, तो ऐसी स्थिति में तत्काल त्वरित प्रतिक्रिया दल (रैपिड रिस्पॉन्स टीम) को सूचना दी जायेगी। इस दल द्वारा संदिग्ध रोगी की स्क्रीनिंग के पश्चात यथा स्थिति होम क्वेरेन्टाइन/संस्थागत क्वेरेन्टाइन/आईसोलेशन वार्ड में शिफ्टिंग की कार्यवाही की जायेगी।

सी.श्रेणी की कॉल्स की श्रेणी में दो प्रकार के कॉल्स हो सकते है। प्रथम वे जिनमें किसी संदिग्ध मरीज के परिजन कॉल करके लक्षणों के बारे में बताते है और द्वितीय ऐसे कॉल्स जिनमें स्वयं संदिग्ध मरीज कॉल कर अपनी स्थिति में जानकारी देता है। इस श्रेणी के कॉल्स की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए कॉल को तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम को फॉरवर्ड किया जाएगा। डॉक्टर द्वारा ऐसे मरीज/ परिजनों को तत्काल विशेषज्ञ सलाह दी जायेगी, ताकि संदिग्ध मरीजों की टेली काउंसलिंग विशेषज्ञ डॉक्टर्स द्वारा की जा सके। काउंसलिंग करते समय डॉक्टर्स के द्वारा संदिग्ध मरीज की पूर्व यात्राओं का एवं उसके संपर्क में आये व्यक्तियों के विषय में जानकारी प्राप्त की जायेगी। मरीज से विस्तृत काउंसलिंग के आधार पर डॉक्टर्स उक्त केस को कोरोना लक्षण वाला संदिग्ध प्रकरण पाया जाने पर तत्काल उसे संबंधित त्वरित प्रतिक्रिया दल (रेपिड रिस्पॉन्स टीम) अथवा निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र/अस्पताल को रिफर करेंगे।

डी. श्रेणी की कॉल्स की श्रेणी में वे कॉल्स सम्मिलित होंगी, जिनमें कॉलर्स वे व्यक्ति होंगे, जो वर्तमान में होम क्वेरेन्टाइन अवधि में है अथवा क्वेरेन्टाइन अवधि पूरी कर चुके है और अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के बारे में अवगत कराना चाहते हैं। इस श्रेणी में वे आउटगोइंग कॉल्स भी सम्मिलित होंगी, जो होम क्वेरेन्टाइन में रखे गये व्यक्तियों से फॉलोअप प्रोटोकॉल के तहत आवश्यक जानकारी लेंगी। इसमें होम क्वेरेन्टाइन अवधि में संदिग्ध व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाये जाने पर प्रक्रिया का अनुसरण किया जायेगा। ई. श्रेणी की कॉल्स की श्रेणी में वे सभी कॉल्स शामिल होंगी, जिन्हे अन्य किसी श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया गया है।

प्रणाली को प्रभावी बनाने की रणनीति

राज्य एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिये सर्वप्रथम त्रुटि रहित एवं अद्यतन डेटाबेस की आवश्यकता होगी। अत: इस प्रणाली के जिला मॉड्यूल में सभी जिलों को प्रशासनिक मोबाइल यूनिटस, मेडिकल मोबाइल यूनिटस तथा रैपिड रिस्पॉन्स टीम के सदस्यों की जानकारी मय फोन नम्बर तत्काल अपलोड करनी होंगी। समस्त नोडल अधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि निर्धारित जानकारी तत्काल अपलोड कर दी जाए तथा उक्त जानकारी को निरंतर अद्यतन एवं शुद्ध बनाये रखा जाए। इसी प्रकार, जिले में उपलब्ध स्वास्थ्य, अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों, डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ का डेटाबेस भी अद्यतन कर अपलोड किया जाए। इस प्रणाली के अंतर्गत कोरोना संक्रमण से बचाव के कार्य में तैनात विभिन्न विभागों के अधिकारियों की जानकारी मय दूरभाष नम्बर भी अपलोड की जाए। ताकि अंतर-विभागीय समन्वय सुगमतापूर्वक हो सके।

प्रत्येक जिले में राज्य एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली की भांति जिला एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के जिन 7 जिलों में स्मार्ट सिटी परियोजना संचालित है, उन जिलों में स्मार्ट सिटी के एकीकृत कंट्रोल एवं कमाण्ड सेंटर को ही अस्थायी रूप से कोरोना के लिये जिला एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली के रूप में उपयोग किया जाएगा। शेष जिलों में नगर निगम अथवा जिला स्तर पर उपलब्ध अन्य समरूप प्रणाली जैसे – आर.सी.बी.सी. आई.टी. प्रशिक्षण केन्द्र आदि का उपयोग कर संचार एवं नियंत्रण प्रणाली स्थापित की जाएगी। कॉल सेंटर में इनकमिंग एवं आउटगोईंग, दोनों प्रकार के कॉल्स की सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले के ई- दक्ष कॉल सेंटर का प्रभावी उपयोग किया जाएगा।

जिला एकीकृत संचार एवं नियंत्रण प्रणाली में स्थानी संसाधनों का उपयोग कर दूरभाष, मोबाइल, इंटरनेट, आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स, सुरक्षित एवं प्रमाणित ऐप्स, वीडियो कॉलिंग आदि स्थानीय रूप से उपलब्ध आधुनिक संचार साधनों का प्रभावी उपयोग किया जाएगा। इस कार्य में जिला ई-गवर्नेन्स मैनेजर्स तथा एन.आई.सी. के विशेषज्ञ अधिकारियों का उपयोग किया जाएगा। प्रणाली के जिला स्तर पर बेहतर प्रबंधन के लिये नोडल अधिकारी की सहायता के लिये योग्य अधिकारियों को सहयोगी अधिकारी के रूप में तैनात किया जाएगा। इस प्रणाली में आवश्यक स्थानीय तौर पर उपलब्ध अन्य विभागों के योग्य मानव संसाधन को कर्तव्यस्थ किया जाएगा। त्वरित संपर्क, त्वरित संवाद, त्वरित सलाह, त्वरित प्रतिक्रिया एवं त्वरित कार्यवाही ही इस प्रणाली की सफलता का मुख्य आधार है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस प्रणाली में किसी भी स्तर पर प्रतिक्रिया देने अथवा कार्यवाही करने में किसी भी प्रकार का विलम्ब नहीं हों।

सम्पूर्ण प्रक्रिया में प्रणाली के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजेटिव पाया जाने की स्थिति निर्मित होती है तो ऐसे प्रकरण में उस व्यक्ति के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग संबंधी सम्पूर्ण कार्यवाही केन्द्रीयकृत रूप से मॉनिटर की जायेगी। जिला नोडल अधिकारी ऐसे प्रकरणों में व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करेंगे। प्रणाली के माध्यम से आने वाले कॉल्स की प्रकृति के अनुरूप प्रतिदिन डेटा विश्लेषण किया जायेगा। इसके लिये राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विभाग एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग के विशेषज्ञ डेटा विश्लेषक कार्य करेंगे। प्रतिदिन आने वाले कॉल्स का एक संक्षिप्त डेशबोर्ड तैयार कर सर्वसंबंधितों को नियमित रूप से दिन में दो बार भेजा जायेगा।

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