मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए संघर्ष के बीच जयपुर में ठहराए गए कांग्रेस विधायक रविवार को भोपाल लौटेंगे। कांग्रेस ने रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार बचाने की रणनीति पर चर्चा होगी। इस बीच, विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने कुछ बागी विधायकों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं। स्पीकर ने इन विधायकों को दोबारा नोटिस देकर 15 मार्च तक पेश होने को कहा है। इधर, भाजपा ने राज्यपाल से मुलाकात कर फ्लोर टेस्ट की मांग की। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शुक्रवार को राज्यपाल से मिले थे। इसके बाद उन्होंने कहा था- फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं, लेकिन पहले विधायकों को मुक्त कराएं।
इससे पहले प्रजापति ने सभी 22 विधायकों को तीन अलग-अलग तारीखों में बुलाया था। अब ये विधायक 15 मार्च को शाम 5 बजे तक पेश हो सकते हैं। चर्चा इस बात को लेकर भी है कि अगर सभी विधायक स्पीकर के सामने उपस्थित नहीं हुए तो सरकार फ्लोर टेस्ट टाल सकती है। सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है। नियम के मुताबिक सभी विधायकों को स्पीकर के सामने उपस्थित होना जरूरी है।
स्पीकर ने विधायकों पर कार्रवाई के संकेत दिए
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि वे नियम प्रकियाओं से बंधे हुए हैं। वे इस्तीफा देने वाले विधायकों से मुलाकात का इन्तजार कर रहे हैं। शनिवार को छुट्टी के बाद भी वे अधिकारियों के साथ विधानसभा में मौजूद थे और रविवार को भी संबंधित विधायकों का इन्तजार करेंगे। उन्होंने दो-तीन विधायकों पर एक्शन लिए जाने के संकेत भी दिए। इशारों-इशारों में उन्होंने कहा- कुछ विधायकों के मामले गंभीर हैं। इन्हें रखूं या निकालूं, इस पर अलग तरीके से निर्णय लूंगा। हालांकि, उन्होंने विधायकों के नाम नहीं बताए। माना जा रहा है कि प्रजापति भाजपा में शामिल हुए विधायक बिसाहूलाल सिंह की तरफ इशारा कर रहे थे।
भाजपा ने राज्यपाल से मुलाकात कर फ्लोर टेस्ट की मांग की
इधर, भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और रामपाल सिंह ने शनिवार शाम को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। राजभवन से बाहर आने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा- हमने राज्यपाल को बताया कि कमलनाथ सरकार बहुमत खो चुकी है। उनके पास सरकार चलाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है, इसलिए 16 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण और बजट सत्र का कोई मतलब नहीं है। हमने राज्यपाल से अनुच्छेद 175 के तहत सरकार को विश्वासमत प्राप्त करने का निर्देश देने की मांग की।