बजाज फाय़नेंस की तकनीकी कमजोरी का लाभ लेकर फऱियादी के नाम से मोबाईल खरीदने वाला राज्य सायबर सेल इंदौर की गिरफ्त में ।
आरोपी कैपिटल फर्स्ट नामक कंपनी में क्लाईंट को फायनेंस सुविधा उपलब्ध करवाने का करता था काम।
आरोपी को फायनेंस सेक्टर से जुङी कंपनियों के पोर्टल की तकनीकी कमजोरियों की थी बारिक जानकारी।
आरोपी मात्र 12 वीं तक पढा होकर भी फायनेंस सेक्टर के तकनीक क्षेत्र में था निपूण।
कैपिटल फर्स्ट में नया क्लाईंट बनाने के दौरान प्राप्त की थी फरियादी की गोपनीय जानकारी ।
पकङे जाने से बचने के लिए अपने ही दोस्त के नाम से जारी सिम से की थी घटना घटित।
विशेष पुलिस महानिदेशक राजेन्द्र कुमार द्वारा समस्त झोनल कार्यालयों को लंबित अपराधों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए थे, उसी तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मिलिंद कानिस्कर के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर सेल इंदौर, जितेन्द्र सिंह ने बताया कि दिनांक 12.05.2018 को आवेदक दुर्गादास पिता शेखऱ घेप्ते निवासी रवीदासपुरा इंदौर के द्वारा एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है , किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फरियादी के बजाज फायनेंसरी कार्ङ की आई.ङी. में रजिस्टर्ङ मोबाईल नंबर बदलकर धोखाधङीपूर्वक मोबाईल फायनेंस कराया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत जांच उ.नि.आशुतोष मिठास को सौंपी गई । उपरोक्त शिकायत जांच में बजाज फायनेंसरी कंपनी से प्राप्त जानकारी के आधार पर फरियादी की बजाज फायनेंस आई.ङी. पर रजिस्टर्ङ मोबाईल नंबर बदलना पाया गया । शिकायत जांच पर से अपराध धारा 43/66,66 सी , 66 ङी आई.टी.एक्ट एवं 419,420 भादवि का पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया । विवेचना में फरियादी के बजाज फायनेंसरी कार्ङ पर बदले हुए रजिस्टर्ङ मोबाईल नंबर की जानकारी प्राप्त करते तथा मोबाईल दुकान पर मोबाईल फायनेंस कराने वाले व्यक्ति के फोटो के आधार पर व्यक्ति की तलाश करते पुलिस टीम द्वारा आरोपी की पहचान स्थापित करने में सफलता प्राप्त हुई। समस्त तकनीकी एवं भौतिक साक्ष्यों के आधार पर फऱियादी के बजाज फिनसर्व कार्ङ को प्रतिरुपित कर धोखाधङी करने के अपराध में आरोपी पुष्पेन्द्र पिता दिलमन सिंह उम्र 25 साल निवासी 67 ग्राम रिछहरी तह.पोस्ट रामपुर वाघेलान सतना को गिरफ्त में लिया गया आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि जब वह कैपिटल फर्स्ट फायनेंस कंपनी में काम करता था तब उसने फऱियादी को अपनी कंपनी में फायनेंस सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर उसकी गोपनीय जानकारी जैस कि पेन कार्ङ,आधार कार्ङ ,बैंक अकाउंट तथा बजाज फायनेंस कार्ङ की जानकारी प्राप्त कर ली थी,बजाज फायनेंस कार्ङ की तकनीकी कमजोरी का लाभ लेकर उसने फरियादी के रजिस्टर्ङ मोबाईल नंबर की जगह अपने पास उपलब्ध फर्जी नंबर को अपग्रेङ करा दिया जिसके कुछ दिन पश्चात आरोपी ने उक्त बजाज फायनेंस कार्ङ का इस्तेमाल कर एक सैमसंग जै 7 मैक्स मोबाईल कीमती 16500 रुपये का खरीद लिया तथा बिल समेंत बाजार में बेच दिया जब बजाज फायनेंस की किश्त फऱियादी के खाते से कटी तो फऱियादी को उक्त घटना का पता चला । आरोपी के कब्जे से मोबाईल जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया जाकर माननीय न्यायालय प्रस्तुत किया गया ।
आरोपी पुष्पेन्द्र सिंह की गिरफ्तारी एवं प्रकरण की विवेचना में निरीक्षक अंबरीश मिश्रा, उप निरीक्षक आशुतोष मिठास , उप निरीक्षक अंबाराम बारुङ, उप निरीक्षक जितेन्द्र चौहान, स.उ.नि.(अ) धीरज सिंह गौर, आरक्षक विक्रांत तिवारी, आरक्षक आशीष शुक्ला , आर. गजेन्द्र सिंह की सराहनीय भूमिका रही।