इंदौर, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर में ”आग लगाने” वाले बयान पर आखिरकार पुलिस ने शनिवार देर रात उन समेत अनेक लोगों पर धारा 180 के तहत केस दर्ज किया है ।शनिवार दिन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएसपी को ज्ञापन सौंपकर विजयवर्गीय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। उधर, इंदौर कलेक्टर ने भी मामले की जांच करने की बात कही थी। उसके बाद पुलिस प्रशासन ने रात्रि में कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, भाजपा नगर अध्यक्ष गोपी नेमा, महेंद्र हार्डिया सहित पार्टी के 350 नेताओं-कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है।
इस संबंध में शहर एसपी ने पुष्टि की है। एसपी ने कहा कि इन सभी के खिलाफ पुलिस ने एक्शन लिया है। उन्होंने बताया है कि इंदौर शहर में जब धारा 144 लगी हुई है। इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के नेतागण इकट्ठा हुए। एसपी मोहम्मद युसुफ कुरैशी ने बताया कि भाजपा के इन नेताओं ने झुंंड बनाकर नारेबाजी भी की । इसलिए कानून तोड़ने पर इन सभी पर यह कार्रवाई की गई है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को संयोगिता गंज थाने पहुंच सीएसपी को ज्ञापन सौंपकर कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी । यहां कांग्रेसियों का कहना था कि जब दो लोगों के विवाद में एक व्यक्ति द्वारा दूसरे को जान से मारने की धमकी दी जाती है तो पुलिस उस पर केस दर्ज करती है। ऐसे ही विजयवर्गीय पर भी एफआईआर दर्ज हो। मप्र कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने भी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के बयान को उनकी बौखलाहट करार दिया था।
दरअसल, मामला तब बिगड़ा जब भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संभागायुक्त, कलेक्टर, डीआईजी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित किया था कि वे रेसिडेंसी कोठी में मिलना चाहते हैं। यह घटना शुक्रवार की है। इसके बावजूद कोई भी अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा, जिसके बाद विजयवर्गीय प्रशासन के इन अधिकारियों के प्रति नाराज हो गए। उन्होंने तब वहां एडीएम बीबीएस तोमर से जो कहा उसी को पुलिस प्रशासन ने अपनी कार्रवाई का आधार बनाया है । उस वक्त भाजपा के महासचिव संभागायुक्त के बंगले के सामने धरने पर बैठ गए थे। उनके साथ सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला और नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा भी इस धरने में शामिल थे।