हरिद्वार में कुंभ मेले में कोविड जांच के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। वहां एक जांच के लिए सरकार को लैब और एजेंसियों को 350 रुपए देने थे। अब पता लगा है कि इन एजेंसियों ने 4 लाख कोरोना टेस्ट किए, जिनमें 1 लाख से ज्यादा फर्जी हैं। इनमें भी 50 हजार से ज्यादा एक ही मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड किए गए। इसमें राजस्थान के हनुमानगढ़ के लिए खबर यह है कि हजाराें आईडी यहां के छात्रों और सरकारी कर्मचारियों की इस्तेमाल की गई।
- 500 सैंपल्स हरिद्वार के 1 ही घर से लिए
- 700 सैंपल्स एक ही एंटीजन किट से
यानी इन्हें हरिद्वार कुंभ में जाना बताया गया, जबकि उनका कहना है कि वे तो हरिद्वार गए ही नहीं। इतना ही नहीं, हरिद्वार में जिस कर्मचारी को सैंपल कलेक्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसे भी हनुमानगढ़ का ही बताया गया है। जांच में सामने आया है कि कथित रूप से सैंपल कलेक्ट करने वाला हनुमानगढ़ का यह कर्मचारी कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में रजिस्टर्ड है।
भास्कर से बातचीत में उसने बताया कि वह कभी कुंभ नहीं गया था, उसे डेटा दिया गया था, जिसे ट्रेनिंग के रूप में इसे अपलोड करने के लिए कहा था। यह सारा सनसनीखेज खुलासा हरिद्वार प्रशासन की जांच में हुआ है। जांच-पड़ताल में सामने आया कि हरिद्वार में एजेंसी की ओर से नियुक्त किए गए सैंपल कलेक्टर्स प्रोफेशनल नहीं थे। जांच में सामने आया है कि जिनकी फर्जी रिपोर्ट जारी हुई, उनमें से 50 फीसदी राजस्थान के निवासी हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
सैंपल लेने वाला भी हनुमानगढ़ का ही बताया, कर्मचारी ने कहा- मैंने तो डेटा अपलोड किया था
रिपोर्ट में दावा किया है कि कुंभ के दौरान कम से कम 1 लाख जांच फर्जी की गईं। कुंभ के दौरान की गई कई सैंपलिंग की जांच में सामने आया है कि एक ही एड्रेस से सैकड़ों लोगों की जांच की गई। इसमें कई फोन नंबर्स पर दिए गए पते फर्जी थे। कथित रूप से एक मामले में 50 से अधिक लोगों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक ही फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया। वहीं एक एंटीजन परीक्षण किट से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई।
हरिद्वार में जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पते और नाम काल्पनिक थे। हरिद्वार में हाउस नंबर 5 से करीब 530 सैंपल लिए गए। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या एक घर में 500 से ज्यादा लोग रह सकते हैं? वहीं कई अजीबो-गरीब पते दिए गए हैं। इनमें हाउस नंबर 56, अलीगढ़, हाउस नंबर 76, मुंबई का भी होना बताया बताया गया है जिसमें फोन नंबर भी फर्जी थे और कानपुर, मुंबई, अहमदाबाद और 18 अन्य जगह के लोगों ने एक ही फोन नंबर दिए गए।
हाईकोर्ट की ओर से रोजाना 50,000 जांच करने के आदेश के बाद 8 एजेंसियों को कुंभ में टेस्टिंग का काम सौंपा गया था। उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जांच में अनियमितताएं मिलने पर जांच रिपोर्ट हरिद्वार के डीएम को भेजी है।
यह बोले जिम्मेदार
हरिद्वार कुंभ मेला के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह ने कहा कि एजेंसी को जुटाए गए नमूनों को दो निजी लैब्स में जमा करना था, जिनकी जांच भी चल रही है। सभी एजेंसियों के पेमेंट्स को अगली सूचना तक रोक दिया गया है। उधर, सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने कहा कि यह मामला उनके नॉलेज में नहीं है। इस संबंध में अगर राज्य स्तर से कोई जानकारी मांगी जाएगी तो उपलब्ध करवाई जाएगी।sabhar bhaskar