सरकार महोत्सव ही बनाती रहेगी या काम भी करेगी

 

मध्यप्रदेश सरकार ने अभी – अभी (8-10 जनवरी, 2023) इंदौर में 17वे प्रवासी भारतीय सम्मेलन करा हैं और अब (21-24 जनवरी, 2023) मैनिट भोपाल में अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव बनाया जा रहा हैं | इससे पहले 26 दिसम्बर 2022 को मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश विज्ञान, प्रोघोगिकी एवं नवचार नीति ,2022 के विमोचन का बड़ा प्रोग्राम करा था | यह तिनों प्रोग्राम मुख्य रूप से विज्ञान एवं देशभर के युवा, ईमानदार व मेहनत करने वाले लोगों द्वारा करे गये नवचार (आविष्कार) से सम्बद्धित हैं |

इस तरह का मामला युवा वैज्ञानिक शैलेन्द्र कुमार बिराणी का हैं जो सरकारी रूप से प्रसारित करी गई खबर के अनुसार व्यक्तिगत रूप से पेटेंट हासिल करने वाले मध्यप्रदेश इतिहास के दूसरे व्यक्ति हैं | इन्होंनें लिम्का बुक आफ रिकार्ड में भी आवेदन करा था कि वे सबसे कम उम्र में बिना किसी अर्टार्नी जनरल या ऐजेन्ट के रिकार्ड समय में पेटेंट हासिल करने वाले देश के युवा हैं | लिम्का बुक के पास इतना डाटा नहीं होंने के कारण सीधे तौर पर दर्ज नहीं करा अपितु यह माना कि हर आविष्कार अपने आप में एक विश्व रिकार्ड हैं क्योंकि वह दुनिया के पुराने सभी रिकार्ड को चेक करने के बाद सरकारें प्रदान करती हैं |

इनके आविष्कार के कारण राष्ट्रपति महोदय ने मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान दिल्ली से ही सीधा मिलने का समय दिया था, राज्यपाल बधाई दे चुके हैं | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, केन्द्रीय मंत्री का दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश के वैज्ञानिक सलाहकार सार्वजनिक मंच से सभी विभागों के सचिवों व आम लोगों के सामने लाईव टेलिकास्ट में बधाई दे चुके हैं परन्तु आजतक एक कागज में लिखकर नहीं दिया जा रहा हैं | इसके लिए उन्होंने निवेदन भी करा क्योंकि बिना कागज के सरकारी प्रक्रिया, योजना, सहयोग, सहायता, आगे की दिशा में अग्रसर होने के लिए बधाइयां, सबकुछ बेईमानी व धकोसला हैं |

अपने आविष्कार के माध्यम से इन्होंनें 350 वर्षों से अधिक पुरानी डिस्पोजेबल प्लास्टिक आधारित चिकित्सा विज्ञान में भारत को दुनिया में अग्रणी बनाया था | इसके अलावा इनके प्रयास से ही देश में पेटेंट धारकों के लिए राष्ट्रीय अवार्ड की शुरूआत हो पाई और सभी को दो भागों में 10 लाख की ईनामी प्रोत्साहन राशि देने का भी निर्धारण हुआ | व्यक्तिगत मामला होते हुए भी इन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ, इंटरनेशनल रेड क्रास सोसायटी, द ग्लोबल फण्ड, बिल एंड मेलिना गेट्स फाउंडेशन, क्लिंटन फाउंडेशन, अमेरीका के राष्ट्रपति से प्रतिक्रिया व बधाई प्राप्त हुई |

इन्होंनें आविष्कार के पेटेंट को देश – दुनिया से मिले करोड़ो – अरबों के व्यवसाहिक प्रस्ताव के साथ देश के राष्ट्रपति को 2011 में यह लिखकर भेज दिया कि इसे भारत सरकार के अधीन रखे व उनको उतना दे दे जो संविधान के अनुसार कानूनन एक आविष्कारक को मिलना चाहिए |

इस फाईल के साथ लागू करने की योजना के अनुसार करीबन 1 लाख 54 हज़ार करोड़ रूपये प्रतिवर्ष सरकारी रेवेन्यू के साथ 5000 नई कम्पनीयां खुलने लाखों करोडों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने, पेट्रोलियम पदार्थों (पेट्रोल, डीजल, गैस) की किमते स्थिर करने के साथ चीन व पाकिस्तान की विस्तारवादी नीति को बर्बाद करने के फायदे हैं | सबसे बड़ी बात इन्होंनें वायरसों की चेन तोडने का प्रस्ताव राष्ट्रपति को कोरोना काल के पहले दिया था | इसको राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उनके आफिस भेजा था परन्तु इस पर भी काम करे बिना चुप्पी साधकर लाखों लोगों की लाशों को नदीयों में तैरने का मार्ग प्रस्शत कर दिया | अब दुनिया में चल रही खतरनाक वायरसों की चेन में कोरोना व ओमीक्रोन के बाद कौनसा होगा यह राष्ट्रपति को भेज दिया हैं |

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उनकी सरकार व्यवस्थित काम करने के नाम पर फिसड्डी साबित हो रही हैं और दुनियाभर में थू -थू करवा रही हैं | भारतीय अप्रवासी सम्मेलन में दूसरे व तिसरे दिन अव्यवस्था की वजह से इन्हें हाथ जोड़कर मंच से माफी मांगनी पडी थी | ये अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में युवाओं को विज्ञान से जोडने व आगे बढ़ने के लिए प्रशिक्षण की बात कर रहे हैं जबकि शैलेन्द्र कुमार बिराणी ने राष्ट्रपति को लिख कर दिया हैं कि उनकी फाईल को क्रियान्यवन के रूप में शुरू करे जो अपने आप में एक पाइलेट प्रोजेक्ट होगा | इसकी कामयाबी के साथ ही स्कूल, कालेजों से पढ़कर निकलने वाला हर छात्र व छात्रा योग्यतानुसार लखपति व करोड़पति बनकर निकलेंगे | ऐसे व्यक्तितव को भी मध्यप्रदेश शासन अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में नहीं बुलाती हैं |

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