चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने ब्लैक फंगस संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान की टिप्पणी
अगर मेरे पास पैसा होता तो मैं पीडि़त को पैसे देकर इलाज में मदद करता : चीफ जस्टिस डा रविरंजन
15 जुलाई को होगी अगली सुनवाई, इससे पहले शपथ पत्र के माध्यम से राज्य सरकार को देनी होगी पूरी जानकारी
रांची: झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने ब्लैक फंगस संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब सरकार इलाज में मदद नहीं करेगी तो क्या लोग अपनी जमीन बेचकर अपना इलाज कराएंगे। अदालत ने रिम्स में पीडि़ता उषा देवी का समुचित इलाज नहीं होने पर नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस डा रविरंजन ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर मेरे पास पैसा होता तो मैं पीडि़त को पैसे देकर इलाज में मदद करता। इसके बाद अदालत ने सरकार से पूछा कि जब ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है, तो उससे निपटने के लिए राज्य सरकार की नीति क्या है। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है। 15 जुलाई से पहले शपथ पत्र के माध्यम से राज्य सरकार को इसकी पूरी जानकारी देनी है। मामले की सुनवाई 15 जुलाई को होगी। अदालत ने यह भी पूछा है कि पीडि़त महिला के इलाज की क्या व्यवस्था की गई है।
बेहतर इलाज की कोशिश
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि रिम्स में ब्लैक फंगस मरीजों के लिए इलाज की पूरी व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल उषा देवी को इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर बाहर भेजे जाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार ऐसे मरीजों का सीमित संसाधनों में बेहतर इलाज कराने का हरसंभव प्रयास रही है।
मेडिकल टीम कर रही इलाज
रिम्स निदेशक डा। कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि ब्लैक फंगस से निपटने के लिए सारी तैयारी पूरी है। उक्त महिला का इलाज एक मेडिकल टीम कर रही है। इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी। इस पर अदालत ने कहा कि मात्र उसी महिला का ही नहीं, बल्कि ब्लैक फंगस से पीडि़त सभी मरीजों का समुचित इलाज की व्यवस्था रिम्स में की जाए। राज्य सरकार एवं रिम्स निदेशक के जवाब के बाद अदालत ने कहा कि हर मरीज को एयरलिफ्ट कराकर दूसरी जगह इलाज के लिए भेजना संभव नहीं होगा। लेकिन रिम्स में ऐसे मरीजों की बेहतर इलाज मिल पाए, इसकी व्यवस्था जरूर की जानी चाहिए।
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पीडि़ता के बेटे ने लिखा है पत्र
गिरिडीह जिले की रहने वाली उषा देवी ब्लैक फंगस की बीमारी से पीडि़त है। उषा को इलाज के लिए रिम्स लाया गया है। आरोप है कि महिला का इलाज देरी से शुरू होने कारण एक आंख में संक्रमण पूरी तरह से फैलते हुए दिमाग तक पहुंच गया है। अपनी मां की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसके बेटे गौरव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा। पत्र में अपनी मां के बेहतर इलाज के लिए केरल या अहमदाबाद भेजने की गुहार लगाई। लेकिन सरकार की ओर बाहर भेजकर इलाज कराने के लिए फंड नहीं होने की बात कही। इसके बाद पीडि़ता के बेटे ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डा रवि रंजन को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई। इसी पत्र को अदालत ने स्वत: संज्ञान लिया है।