नई दिल्ली, 09 अक्टूबर। नोबेल शांति पुरस्कार 2020 विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को भुखमरी के खिलाफ उसके प्रयासों के लिए दिया जाएगा। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में शांति की स्थिति में सुधार लाने और युद्ध व संघर्ष को हथियार बनने से रोकने के प्रयासों में मुख्य भूमिका निभाने के लिए डब्ल्यूएफपी को चुना गया है।
इस वर्ष के पुरस्कार के साथ नॉर्वेजियन नोबेल समिति दुनिया का ध्यान भूखमरी के खतरे का सामना कर रहे लाखों लोगों की ओर लाना चाहती है। भूख और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे के हल के लिए प्रयास करने वाला विश्व खाद्य कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संगठन है। 2019 में डब्ल्यूएफपी ने 88 देशों में 10 करोड़ लोगों को सहायता मुहैया कराई थी। यह सभी भूख और खाद्य सुरक्षा के शिकार थे। 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के तहत भुखमरी को समाप्त करने का लक्ष्य अपनाया गया था। डब्ल्यूएफपी इस लक्ष्य को हासिल करने का बुनियादी हथियार बना है। हाल के समय में भूखमरी की स्थिति अधिक भयावह हो गई है। 2019 में दुनिया के 13 करोड़ 50 लाख लोग गंभीर भूखमरी के शिकार हैं और यह पिछले कई सालों में सबसे अधिक है। इसके बढ़ने का मुख्य कारण युद्ध और सशस्त्र संघर्ष है।
कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया में भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या में इजाफा किया है। यमन, कोंगो, नाइजीरिया, दक्षिणी सूडान, बुर्किना फासो जैसे हिंसक संघर्ष और महामारी से प्रभावित देशों में हजारों लोग भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। इस महामारी के दौर में विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अपनी क्षमताओं को में इजाफा करने जबरदस्त क्षमता प्रदर्शित की है।
नॉर्वेजियन नोबेल समिति का तर्क है कि खाद्य सुरक्षा बढ़ाने के लिए सहायता प्रदान करना न केवल भूख को रोकता है, बल्कि स्थिरता और शांति के लिए संभावनाओं को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में अग्रणी परियोजनाओं के माध्यम से शांति प्रयासों के साथ मानवीय कार्यों के संयोजन का बीड़ा उठाया है। 1901-2020 तक 101 बार नोबेल शांति पुरस्कार दिए गए हैं। इसमें से 25 बार नोबेल पुरस्कार संगठन को दिया गया है। अबतक 17 महिलाओं को नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है।
हर वर्ष छह क्षेत्रों में दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। सभी श्रेणियों में 12 अक्टूबर तक नाम घोषित कर दिए जायेंगे। इससे पहले चिकित्सा, रसायन, भौतिक शास्त्र और साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। अब सोमवार को अर्थशास्त्र में नोबेल की घोषणा की जाएगी। 1901 में पहली बार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल की याद में इन पुरस्कारों को देने की परंपरा शुरू की गई थी।