नई दिल्ली, 29 मई । देश के सकल घरेलु उत्पाद में वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में 3.1 प्रतिशत रही है और अनुमान है कि पूरे वित्त वर्ष की जीडीपी वृद्धि दर 11 वर्ष के सबसे निचले स्तर पर 4.2 प्रतिशत रह सकती है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान वृद्धि दर का यह आंकड़ा 6.1 फीसदी था। इससे पिछली तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2019) में देश की जीडीपी वृद्धि दर 4.7 फीसदी पर आ गई थी।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को इस संबंध में जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 3.1 फ़ीसदी रही है। वहीं, बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के इस आंकड़े के साथ ही पूरे वित्त वर्ष की जीडीपी वृद्धि दर महज 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है, जो कि बीते 11 साल के दौरान सबसे कम है। मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में देश की जीडीपी वृद्धिदर 6.1 फीसदी रही थी।
पहली तीन तिमाही की जीडीपी दर
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 5 फीसदी रही थी। इसके बाद दूसरी (जुलाई-सितंबर) तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 4.5 फीसदी पर रही थी। वहीं, तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 4.7 फीसदी पर थी। हालांकि बाद में जीडीपी के आंकड़ों को संशोधित किया गया था और पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर के आंकड़ों को क्रमश: 5.6 फीसदी और दूसरी तिमाही में 5.1 फीसदी बताया गया था।
उल्लेखनीय है कि रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 4 फीसदी और मार्च तिमाही में 0.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। हालांकि, एसबीआई रिसर्च ने मार्च तिमाही में 1.2 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष में 4.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जताया था। वहीं, आईसीआईसीआई ने मार्च तिमाही में 1.5 फीसदी और पिछले पूरे वित्त वर्ष में 4.2 फीसदी आर्थिक विकास दर का अनुमान जताया था। इसके अलावा इक्रा ने मार्च तिमाही में 1.9 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष में 4.3 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान जताया था। इसके अलावा इंडिया रेटिंग्स और केयर रेटिंग्स ने मार्च तिमाही में 3.6 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष में 4.7 फीसदी आर्थिक विकास दर का अनुमान जताया था। hs