राहत पैकेज की दूसरी किस्त में किसे क्या मिला,जानें
पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. इसके पहले चरण में बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए. इस दौरान उन्होंने MSME से लेकर, रियल एस्टेट कंपनियों और आम करदाताओं तक को राहत दी. राहत का ये सिलसिला गुरुवार को भी जारी है और निर्मला सीतारमण एक बार फिर मीडिया से मुखातिब हैं.
– किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ 2.5 करोड़ नए किसानों को दिया जा रहा है. मछुआरों और पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा.
– किसानों के लिए 30,000 करोड़ अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड नाबार्ड को दिए जाएंगे. यह नाबार्ड को मिले 90 हजार करोड़ के पहले फंड के अतिरिक्त होगा और तत्काल जारी किया जाएगा.
– मिडिल इनकम ग्रुप जिनकी 6 से 18 लाख सालाना कमाई है, उन्हें मिलने वाली हाउसिंग लोन पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन मार्च 2021 तक बढ़ी. इसकी शुरुआत मई 2017 में हुई थी. सरकार के फैसले से 2.5 लाख परिवारों को मिलेगी राहत.
– 50 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए 10 हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा, इसके लिए सरकार 5 हजार करोड़ खर्च करेगी.
– सरकार ने मुद्रा स्कीम के तहत 50000 रुपये या उससे कम के मुद्रा (शिशु) लोन चुकाने पर तीन महीने की छूट मिली है. इसके बाद 2 फीसदी सबवेंशन स्कीम यानी ब्याज में छूट का फायदा अगले 12 महीने तक दिया जाएगा. करीब 3 करोड़ लोगों को कुल 1500 करोड़ का फायदा.
मुद्रा स्कीम में तीन तरह के लोन
शिशु लोन : 50,000 रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं.
किशोर लोन: 50,000 से 5 लाख रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं.
तरुण लोन: 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के कर्ज दिए जाते हैं.
– वित्त मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते किराये के घर की योजना, जिससे कि जहां प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं, उन्हें सस्ते में घर मिल सके.
– 1 जून से राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी यानी वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया जाएगा. अगस्त 2020 तक 23 राज्यों के 67 करोड़ लाभार्थी को कवर किया जाएगा. मार्च 2021 तक सभी राशन कार्ड कवर होंगे. बता दें कि इस स्कीम में एक राशन कार्ड पर राशनकार्डधारी देश के किसी कोने में अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं. देश में 80 करोड़ से अधिक राशनकार्डधारी हैं.
-2 महीने तक प्रवासी मजदूरों को अनाज की होगी फ्री सप्लाई. जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं-चावल, एक किलो चना दिया जाएगा. इनके लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान. करीब 8 करोड़ मजदूरों को मिलेगा फायदा. इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को होगी.
-न्यूनतम वेज का अधिकार सभी वर्कर्स को देने की तैयारी. इसी तरह न्यूनतम वेज में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना.वहीं नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा.
-सभी कर्मचारियों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य करने की योजना. संसद में इन पर विचार हो रहा है. महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन लाई जाएगी.
– घर की ओर वापस होने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए सहायता दिया जा रहा है. मनरेगा के तहत उन्हें रोजगार दिया जाएगा. 2.33 करोड़ लोगों को फायदा. न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है.
-शहरी गरीबों को 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है. शहरी गरीबों के लिए राज्य सरकारों को आपादा फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत है ताकि उन्हें भोजन और आवास मुहैया कराया जा सके. इसके लिए केंद्र से पैसा भेजा जाता है. शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में तीन वक्त का भोजन पूरी तरह से केंद्र सरकार के पैसे से हो रहा है.
-किसानों ने 4.22 लाख करोड़ का लोन लिया, किसानों को लोन पर 3 महीने की छूट दी गई है. इंट्रेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया. 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी.नाबार्ड ने ग्रामीण बैंकों को 29,500 करोड़ की मदद दी है.
– वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि दूसरा चरण पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़ा होगा. इसमें 9 बड़े ऐलान होंगे.