*आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए प्रसिद्ध मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग मामला : हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया, पुलिस ने एफआईआर दर्ज़ कर जांच शुरू की*
नई दिल्ली : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मशहूर दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में स्थित भंडारी भवन (बत्रा कॉम्पलेक्स) के ‘संस्कृति कोचिंग सेंटर’ में आग लगने के बाद आग से बचने के लिए छात्र छात्राओं के रस्सी से उतरते हुए दिल दहलाने वाले दृश्य के बाद यह मामला गरमा गया है.
विदित हो कि गुरुवार को मुखर्जी नगर के बत्रा कॉम्प्लेक्स में आग लगने से कोचिंग क्लास ले रहे सैकड़ों छात्रों की जान जोखिम में पड़ गई थी. कई छात्रों को आग से बचने के लिए इमारत की दूसरी और तीसरी मंजिल से कूदते हुए देखा गया था. वीडियो में छात्रों को खिड़कियों को तोड़ते हुए और रस्सियों से नीचे उतरते हुए देखा गया है. इसमें कुछ छात्र घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं.
मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, जबकि मुखर्जी नगर कोचिंग सेंटर में आग लगने के मामले में दो संस्थान संचालक शिवेश मिश्रा (45) और श्याम सुंदर भारती (54) पर FIR दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. इन पर दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप है, ये दोनों भंडारी हाउस से संचालित हो रहे कोचिंग संस्थानों से जुड़े हैं. दिल्ली की एक अदालत से इन्हें जमानत मिल गई है.
इस बिच बीते कल दिल्ली हाई कोर्ट ने स्थानीय अथॉरिटी से इस दुर्भाग्यपूर्ण मामले में जवाब मांगा है.
आपको आश्चर्य होगा कि बिल्डिंग में दाखिल होने के लिए क़रीब 2 फीट का रास्ता है. इसी रास्ते से बिल्डिंग के अंदर और बाहर आया जा सकता है. बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बनी है. वहीं पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर कोचिंग क्लास चलती है.
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान कोचिंग संस्थान के 12 छात्रों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए. फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.
उल्लेखनीय हैं कि यह वही इलाका है जो आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए देशभर में मशहूर है. इसे आप क्लास-वन की तैयारी का छात्रों का अड्डा या हब समझिए. यहां सरकारी नौकरियों की तैयारी कराने वाले कई कोचिंग सेंटर हैं. यहां की गलियों में किताबों की दुकानों की भरमार है.
मुखर्जी नगर को कुछ लोग मिनी भारत कहते हैं क्योंकि यहां देश के कोने-कोने से छात्र अच्छी नौकरी के सपने को पूरा करने के लिए आते हैं. नाम की बात करें तो बंटवारे के बाद हडसन लेन, आउट्राम लेन और किंग्सवे कैंप वाले इलाके में पुनर्वास कॉलोनियां बसाई गईं. इसे बाद में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर मुखर्जी नगर कहा गया.
जिन छात्रों को दिल्ली यूनिवर्सिटी में हॉस्टल नहीं मिलता, वे यहां रहने आते हैं. हिंदी भाषी प्रतियोगी छात्र यहां ज्यादा देखे जाते हैं. अंग्रेजी मीडियम वाले छात्र राजेंद्र नगर और दूसरी जगहों पर कोचिंग पढ़ने जाते हैं. घर से पैसा लेकर तैयारी करने वाले छात्र मुखर्जी नगर में समूह में रहते हैं, जिससे खर्चा कम आए. एक कमरे में दो छात्र से लेकर 4-5 भी रह जाते हैं। यहां 25 हजार रुपये तक के भी फ्लैट हैं. कई लोगों ने तो घर को ही पीजी में बदल दिया है और बेड के हिसाब से प्रतियोगी छात्रों से पैसे लेते हैं. छात्रों के लिए अच्छा रहता है कि उन्हें खाना बनाने की दिक्कत नहीं होती, पूरा समय वे पढ़ाई में लगा सकते हैं.
इस क्षैत्र में चारों तरफ छात्र और चाय की दुकानें दिखेंगी. सुबह से लेकर देर रात तक प्रतियोगी छात्रों से मुखर्जी नगर गुलजार रहता है. यहां का रिजल्ट भी अच्छा ही रहता है. यहां रहकर पढ़ाई करने वाले बड़ी संख्या में छात्र यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुए हैं.
मुखर्जी नगर में हर रोज करीब 3 लाख लोग रहते हैं या आते हैं. इसलिए यहां मकान का किराया, बिजली बिल, पानी बिल, टिफिन की भी काफी चर्चा होती रहती है. कई लोग आईएएस बनने के बाद भी मुखर्जी नगर का किस्सा बड़े चाव से सुनाते हैं.
बहरहाल पुलिस अधिकारियों ने मुखर्जी नगर में हुई दुर्घटना के कारणों को जानने हेतु दुर्घटनास्थल भंडारी भवन (बत्रा कॉम्पलेक्स) मुखर्जी नगर का निरीक्षण किया और इसमें कई बड़े चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, वहीं बिल्डिंग को लेकर बड़ी लापरवाही बरतने जाने की जानकारी सामने आई है.
जॉच अधिकारियों ने पाया कि भवन में फायर से लेकर सुरक्षा तक से संबंधित पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं, साथ ही
– भवन की छत पर लगी टंकी में पानी नहीं था.
– भवन में लगे फायर हाइड्रेंट पुराने प्रतीत हो रहे हैं. चालू हालत में नहीं हैं.
– भवन में स्मोक डिटेक्टर भी नहीं लगे हुए हैं.
– भवन मालिक नरेंद्र कुमार और कोचिंग सेंटर के मालिक शिवेश मिश्रा और एसएस भारती ने फायर से लेकर सुरक्षा तक के पर्याप्त उपाय नहीं किए और कोचिंग क्लासेज चलाकर प्रथम दृष्टया अपराध किया है. इन सभी पर धारा 336, 337, 338, 120बी, 34, के तहत कार्रवाई की गई है.
पुलिस ने यह भी कहा कि अस्पताल में इलाज के बाद कुछ लोग वहां से जा चुके थे. कुछ इलाज करवा रहे थे, जिस कारण उनके बयान नहीं लिए जा सके.
– FIR के मुताबिक, बिल्डिंग के दूसरे और तीसरे मंजिले पर आग का धुंआ पाया गया. भवन से निकाले गए बच्चों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया.
-बिल्डिंग के पहले फ्लोर पर भारती कंसेप्ट मैथमेटिक कोचिंग सेंटर का ऑफिस है. दूसरे फ्लोर पर स्टूडेंट्स के लिए लाइब्रेरी है. यहां वो बैठकर पढ़ाई करते हैं. तीसरे और चौथे फ्लोर पर संस्कृति आईएएस कोचिंग सेंटर का ऑफिस/क्लासरूम है.
– घटना के वक्त आग लगने से बिल्डिंग में मौजूद स्टूडेंट्स घबरा गए और अलग-अलग फ्लोर से कूदने लगे थे, जिस कारण उन्हें चोटें आई हैं.