मामला एलम खरीदी का खेल आरटीआई के जाल मे

लोकतंत्र के चौराहे पर भ्रष्टतंत्र की जड़ों पर चोट

0 चरागाह बन गए अफसरों एव राजनेताओं के ऐसे अड्डे

0 मामला एलम खरीदी का खेल आरटीआई के जाल मे

त्वरित टिप्पणी –
नागदा। प्रदेश में आर्थिक रूप से सुदृढ माने जाने वाली उज्जैन जिले की नगरपालिका नागदा इन दिनों इतनी खोखली हो चुकी है,कि दो बार ऐसे भी समय आए जब कर्मचारियों को वेतन भुगतान के लाले पड गए। इस नपा को दो बार कथित उत्कृष्ट कार्य करने पर राष्ट्रपति के पुरस्कार से नवाजा गया। लेकिन इस नपा के आंतरिक मामलों का अध्ययन किया जाए तो यह अफसरों एवं राजनेताओं की कमाई का जरिया भी बन गई। यह एक ऐसा ठिया है जहां अनियमिता, लापरवाही, भ्रष्टाचार एवं बिडलाभक्ति के कई प्रमाणिक उदाहरण सामने हैं।
विशेषकर सता पक्ष के लोग परदे के पीछे से अपने रहनुमाओं को कार्य दिलातें है और फिर अपना हिस्सा तो लिया जाता साथ ही बंदरबाट हो जाती है। उधर, विपक्ष याने कांग्रेस ऐसे मामलों में गहरी नींद में खर्राटे भरती दिखती है। जिसका खामियाजा जनता को भुगताना पडता है। गत दिनों नपा में लाखों की कीटाणुनाशक दवाई सप्लाई करने वाले एक चेहरें के खिलाफ पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज हुआ।ऐसे चेहरे के तार सता के सूरमा के साथ जुडे है, जिनके मुखोटे तो धार्मिक कार्य के और जनता की तिजौरी लूटने तक इनकी जडे मजबूत होती है। मतलब सैया भए कोतवाल तो फिर काहे का डर। हाल ही में एक नया मामला इन दिनों मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है .जिस पानी से जनता अपनी प्यास बुझाती है उस पानी में उपयोग की जाने वाली एलम को लेकर बवाल मचा हुआ है। अभी यह तो कहना जल्दबाजी होगी की इसमें कोई बडा खेल हुआ लेकिन इस पत्रकार के पास सूचना अधिकार में जो दस्तावेज हाथ में आए उससे संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता। एलम को लेकर इन पक्तियों लेखक के द्धारा एक अनूठी आरटीआई लगाई गई जिसकी खबर को दैनिक भास्कर के श्री शरदगुप्ता एवं लोकेश डिगोरियां नेे एक उत्कृष्ट मुकाम दिया। अन्य समाचार के संवाददात श्री प्रमोद शुक्ला ने दैनिक मध्याचल , दैनिक दस्तक के श्री पवनजाट एवं अग्निबाण में श्री प्रफुल्ल शुक्ला एवं डेली हंट मे श्री च्रदभानसिंह देवडा ने भी विशेष कवरेज दिया। स्वयं के द्वारा प्रेषित यह खबर हिंदुस्तान समाचार एजेंसी नई दिल्ली से भी प्रसारित हुई हैl
यह विशेष प्रकार की आरटीआई जनता को भी ,अपनी समस्या को हल करने के लिए भी मददगार साबित होगी .

इस प्रकार प्रकाशित खबर

शहर कें हजारों लोगों की जलआपूर्ति में उपयोग में लाए जा रहे एलम की गुणवत्ता को लेकर इन दिनों उठे विवाद में अब सूचना अधिकार की एक विशेष धारा क उपयोग किया गया। जिसके तहत एक आरटीआई कार्यकर्ता को नपा के अधिकारियों की एक टीम ने आवेदन के बाद महज 48 घंटे की समय सीमा में शुक्रवार को विवादित एलम का निरीक्षण कराया। बाद में उसका सैंपल भी उपलब्ध कराया। मुख्य नपा अधिकारी सीएस जाट के आदेश पर यह कार्यवाही आरटीआई कार्यकर्ता कैलाश सनोलिया के सूचना अधिकार पर हुई है। सनोलिया ने एलम की गुणवत्ता की जांच उच्च स्तर की निजी तौर पर प्रयोग शाला में कराने के लिए सूचना अधिकार की एक विशेष धारा 2 जे (3) में आवेदन प्रस्तुत कर पहले एलम का निरीक्षण कर उसका सैंपल प्राप्त करने की मांग की थी। वैसे तो सूचना अधिकार में 30 दिनों में जानकारी उपलब्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन किसी के जीवन एवं स्वतंत्रता को लेकर अधिनियम की धारा 7(1) में महज 48 घंटे में जानकारी मुहैया कराने का प्रावधान है। जागरूकता के अभाव में जनता इसका उपयोग नहीं कर पाती है। इस प्रकरण में यह मामला उठाया थाकि यह मामला हजारों लोगों से जुडे पेयजल तथा जनमानस के स्वाथ्य से जुडा है। इसलिए अधिनियम की विशेष धारा लागू हांेगी। इसलिए पहले फिल्टर प्लांट स्थल का निरीक्षण कराकर 48 घंटे में एलम का नमूना उपलब्ध कराया जाए।

नपा अधिकारी पहुंचे फिल्टर प्लांट

नपा के उपयंत्री जितेद्र पटेल के नेतृत्व में कर्मचारियों का एक दल आरटीआई कार्यकर्ता सनोलिया को विधिवत लिखित में सूचना जारी कर दोपहर को मौके पर पहुंचा। फिल्टर प्लांट में किए जा रही एलम का निरीक्षण कराया। बाद मे ंएलम के भंडार का निरीक्षण कर नमूना उपलब्ध कराने की कार्यवाही की गई। पंचनामा की कार्यवाही के बाद सैंपल आवेदक को सौंप दिया गया। संभवत उज्जैन जिले में यह पहला मामला होगा जिसमे हजारों जनता के स्वास्थ्य से जुडे इस प्रकरण में एलम का सैंपल जांच के लिए आरटीआई से लिया गया है।
पंचनामा बनाकर सौंपा नमूना
पंचनामा पर नपा के इंजीनियर जितेंद्र पटेल, फिल्टर प्लांट प्रभारी आरके व्यास, समय पाल अशोक परमार, कर्मचारी प्रकाश एवं सुश्री ज्योति आदि ने हस्ताक्षर किए। सनोलिया के मुताबिक नमूने को दो अलग अलग भागों में लिया गया है। एक नमूना नपा के पास सुरक्षित है। जो नमूना प्राप्त हुआ उसको अब अलग अलग प्रयोग शोला में गुणवत्ता की जांच के लिए भेजा जाएगा।
एलम का भुगतान अभी बाकी
जिस एलम को लेकर विवाद शहर मे ंउठा है उसका भुगतान अभी नहीं किया गया है। यह खुलासा भी आरटीआई में उजागर हुआ है। प्रमाणित अभिलेखों की मुताबिक नपा ने 100 टन फेरिक एलम ग्रेड 4 अल्फा ग्लू कैम शाजापूर से क्रय किया है। नपा ने इस एलम को खरीदने के लिए फर्म को 17 अक्टूबर 2022 को आदेश पत्र जारी किया था। नोटशीट की प्रमाणित प्रति के अनुसार नपा ने यह एलम न्यूनतम निविदा के आधार पर खरीदने का निर्णय लिया । नपा एवं संबधित फर्म के बीच इस मामले में अनुबंध हुआ। एलम की प्रयोगशाला रिपोर्ट भी आरटीआई में प्राप्त हुई है। जिसका मिलान अब नमूने की निजी जंाच से किया जाएगा।
कैलाश सनोलिया
संवाददाता हिंदुस्थान समाचार एजेंसी

Shares