मप्र के स्वास्थ्य आयुक्त डाॅ. खाडे़ को शो-काॅज नोटिस एवं 5 हजार का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी

 

 

डाॅ. खांडे़ को 18 जुलाई को मप्र मानव अधिकार आयोग में व्यक्तिशः आकर स्पष्टीकरण देने के आदेश

भोपाल, गुरूवार, 15 जून 2023 मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा वर्ष 2022 के एक मामले में अबतक जवाब न देने के कारण आयुक्त, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मप्र शासन, भोपाल डाॅ. सुदाम खाडे़ को 18 जुलाई 2023 को अनिवार्यतः आयोग कार्यालय में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण व प्रतिवेदन देने के आदेश दिये गये हैं। आयोग द्वारा डाॅ खाड़े को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। नोटिस एवं वारंट की तामीली अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (नगरीय पुलिस), भोपाल के माध्यम से कराई जायेगी। आयोग के *प्र.क्र. 6930/भोपाल/2022 में* कई पदीय एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बावजूद भी प्रतिवेदन न देने के कारण स्वास्थ्य आयुक्त डाॅ खाड़े को 18 जुलाई 2023 को आयोग में स्वयं उपस्थित होने के लिए कहा गया है। गिरफ्तारी वारण्ट भी आयोग द्वारा जारी किया गया है। कारण बताओ नोटिस एवं वारंट की तामीली अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (नगरीय पुलिस), भोपाल के माध्यम से कराई जाएगी।

मालूम हो कि आयोग के उपरोक्त प्रकरण के अनुसार गांधी मेडिकल काॅलेज, भोपाल में न्यूरोसर्जरी प्रभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ आईडी चौरसिया ने आयोग में 12 अक्टूबर 2022 को एक आवेदन लगाया था कि गांधी मेडिकल काॅलेज, भोपाल के डीन एवं राजपत्रित स्थापना प्रभारी डाॅ कविता कुमार द्वारा जानबूझकर उसके मानव अधिकारों का हनन कर उन्हें सातवें वेतनमान एवं अन्य एरियर्स का लाभ नहीं दिया गया। इससे उन्हें मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रताड़ना हुई। उन्होंने आयोग से सातवें वेतनमान एवं अन्य सम्पूर्ण एरियर का लाभ दिलाने और संबधितों के विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही करने की मांग की थी। आवेदन मिलने पर आयोग ने गांधी मेडिकल काॅलेज, भोपाल के डीन से जवाब मांगा, परन्तु उनसे जवाब नहीं मिला। इस पर आयोग ने आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भोपाल से जवाब मांगा। आयुक्त लोक स्वास्थ्य को तीन स्मरण पत्र भी भेजे गये, फिर भी जबाव नहीं मिला। इस पर आयोग ने उन्हें दो जून 2023 को व्यक्तिशः आकर जवाब देने को कहा। तब भी स्वास्थ्य आयुक्त ने जबाव प्रस्तुत नहीं किया।

अंततः मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32(ग) के अन्तर्गत आयुक्त, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भोपाल डाॅ  सुदाम खाडे़ को पूर्व में आयोग में उपस्थित न होने के कारण पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने सम्बन्धी नामजद कारण बताओ नोटिस देकर उन्हें 18 जुलाई 2023 को अनिवार्यतः आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से आकर अपना स्पष्टीकरण (जवाब) देने के आदेश दिये गये हैं। डाॅ खाड़े की 18 जुलाई 2023 को आयोग में व्यक्तिशः उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके विरूद्ध पांच हजार रूपये का नामजद जमानती
आयोग आपके द्वार: ’23 मामले सुने गये, 13 मौके पर निराकृत, 10 मामलों में प्रतिवेदन तलब’

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने ’’’आयोग आपके द्वार कार्यक्रम’’’ के तहत गुरूवार (15 जून) को संयुक्त कलेक्टर कार्यालय, आगर मालवा के सभागृह में पहले से लम्बित और नये मामलों की जनसुनवाई की। आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं सदस्य राजीव कुमार टंडन ने पक्षकारों/आवेदकों व जिलाधिकारियों से रूबरू होकर कुल 23 मामलों की सुनवाई की। जनसुनवाई में कलेक्टर आगर मालवा  कैलाश वानखेडे, एडीशनल एसपी  नवलसिह सिसौदिया, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती हरसिमरनप्रित कौर, एसडीएम आगर सत्येन्द्र बैरवा, एसडीएम सुसनेर सुश्री किरण वरवडे, एसडीओपी सुसनेर नलखेडा सुश्री पल्लवी शुक्ला, एसडीओपी आगर बडौद सुश्री मोनिका सिंह, मप्र मानव अधिकार आयोग में आगर मालवा जिले के मामलों के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों सहित मानव अधिकार हनन मामलों से संबंधित विभागों के जिलाधिकारी एवं पक्षकार/आवेदक भी मौजूद थे।

आगर मालवा की जनसुनवाई में आयोग द्वारा कुल 23 मामले सुने गये। इनमें 16 मामले पहले से लंबित थे। पुराने लंबित मामलों में से 10 मामले आयोग द्वारा मौके पर ही निराकृत कर दिये गये। शेष 06 मामलों में आयोग ने संबंधित विभागाधिकारियों को और अधिक गंभीरतापूर्वक जांचकर पुनः प्रतिवेदन देने के निर्देश दिये। इसी क्रम में जनसुनवाई के दौरान मिले 07 नये प्रकरणों में से 03 प्रकरण आयोग द्वारा मौके पर ही निराकृत कर दिये और शेष 04 प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु आयोग ने संबंधित विभाग/जिलाधिकारियों को मामले के सभी पक्षों की जांचकर दी गई समय-सीमा में तथ्यात्मक प्रतिवेदन देने के निर्देश दिये।

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