सीबीआई को चार साल बाद भोपाल गैस कांड के फरार आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. गिरफ्तार आरोपी का नाम शकील कुरैशी है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सीबीआई अधिकारियों के हवाले से बताया है कि वह 2016 से फरार चल रहा था. कुरैशी को मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया गया. उसे भोपाल की जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को पेश किया गया.
गिरफ्तार कुरैशी की तबीयत खराब थी. इसलिए उसे एंबुलेंस के जरिए कोर्ट लाया गया था. परिजनों ने आरोपी की खराब तबीयत का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी लगाई थी. आरोपी की एंबुलेंस ही कोर्ट परिसर में लाई गई और कुरैशी नीचे नहीं उतरा. सीबीआई की ओर से जानकारी दी गई तो जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार वर्मा अपने सहयोगियों के साथ उठकर एंबुलेंस के पास आए. तबीयत खराब होने के कारण उसे जमानत मिल गई.
हादसे के समय ऑपरेटर था आरोपी
आरोपी के वकील के मुताबिक, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में गैस रिसाव के दौरान कुरैशी शिफ्ट इंचार्ज था. उस पर केस चल रहा था और निचली अदालत से सजा हुई थी. जिला अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील की गई थी. अदालत की फाइल से पता चला कि 19 फरवरी 2016 से वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ था.
वकील ने बताया कि कुरैशी की हालत ऐसी नहीं थी कि वह पेश हो सके. बाद में अदालत के आदेश पर आरोपी कुरैशी को नागपुर से गिरफ्तार किया गया.
चार साल पहले जिला अदालत ने कुरैशी को हर हाल में कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था. बता दें कि आरोपी कुरैशी को निचली अदालत से 2 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. इस फैसले के खिलाफ जिला अदालत में अपील करके आरोपी 4 साल से कोर्ट में पेश नहीं हुआ था. कुरैशी भोपाल गैस कांड का बड़ा आरोपी है. आरोप है कि हादसे की रात यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में वह प्रोडक्शन यूनिट में ऑपरेटर का काम कर रहा था और शिफ्ट इंजार्ज भी था.
7 जून 2010 को तत्कालीन चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने गैस कांड मामले में शकील कुरैशी समेत 7 लोगों को 2 साल जेल और एक-एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी. बाद में भोपाल में रहने वाला कुरैशी अपने 3 बेटों के साथ रातोंरात गायब हो गया. बता दें कि 2 और 3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल के यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में गैस रिसाव हुआ था. इस हादसे में हजारों लोगों की मौत हो गई थी. उस समय फैक्ट्री के आसपास कई किलोमीटर तक लोग इस गैस की चपेट में आए थे और मौत के अलावा कई लोग अपंग भी हो गए थे.