इंदौर। दालों का स्टाक छिपाकर दाम बढ़ाए जा रहे हैं, जिसका असर महंगाई पर दिखा। जब इसकी जानकारी केंद्र sarkar     तक पहुंची तो सरकार ने दालों के छिपाए गए स्टाक का पता बैंकों के रिकार्ड से लगाया, जिसमें पता चला कि प्रदेश के व्यापारियों ने साढ़े तीन हजार टन से ज्यादा तुवर और उड़द का स्टाक दबा रखा है। इसके बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर भोपाल से कलेक्टरों के लिए आदेश जारी हुआ है कि स्टाक छुपाने वाले कारोबारियों पर कार्रवाई की जाए।

तुवर और udad    के दाम बीते महीनों से तेजी से बढ़ रहे हैं। 15 अप्रैल को केंद्रीय खाद्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने इंदौर आकर दाल मिलर्स और व्यापारियों की बैठक ली थी। केंद्र सरकार ने पोर्टल पर सभी कारोबारियों को तुवर और उड़द का स्टाक घोषित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद प्रदेश के 43 व्यापारियों ने        का और 73 व्यापारियों ने उड़द क स्टाक केंद्र के पोर्टल पर घोषित किया था।

इसके बाद केंद्र ने बैंकों का रिकार्ड खंगाला। जानकारी मिली कि 90 व्यापारियों ने 8108 मीट्रिक टन तुवर दाल बैंकों में गिरवी रखकर लोन लिया है। इसी तरह प्रदेश के 75 व्यापारियों ने 2544 टन उड़द दाल बैंकों में गिरवी रखी है। यानी केंद्र के पोर्टल पर 3418 टन तुवर दाल का स्टाक और 387 टन उड़द दाल का स्टाक घोषित नहीं किया गया।

केंद्र से मिली जानकारी के बाद प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय ने कलेक्टरों को पत्र लिखकर आदेश दिया है कि बैंकों से सूची के आधार पर अब स्टाक छुपाने वाले सभी व्यापारियों पर कार्रवाई की जाए

 

देश में कम स्टाक का बहान

 

इन दिनों खेरची बाजार में तुवर दाल 150 रुपये किलो और उड़द दाल 120 रुपये किलो तक बिक रही है। कारोबारी कह रहे हैं कि देश में स्टाक कम है और विदेशी आयात से भी पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही। सरकार को लगातार संदेह है कि कारोबारी स्टाक की कमी का बहाना बनाकर दाम में तेजी लाना चाह रहे हैं। इस बीच सरकार ने दोनों दालों पर दो जून को स्टाक लिमिट भी लगा दी थी।