नई दिल्ली, 17 अक्टूबर , केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है बिहार में राजग गठबंधन के नेता सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार हैं। उन्होंने विश्वास जताया है कि राजग गठबंधन पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगा और नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे, भले गठबंधन में भाजपा की सीटें ज्यादा आ जाएं।
एक निजी चैनल को दिए लंबे साक्षात्कार में अमित शाह ने बिहार चुनावों के साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति से लेकर हाथरस, बंगाल, अकाली दल से अलगाव आदि सभी विषयों पर खुलकर विचार व्यक्त किए। बिहार चुनावों पर उन्होंने साफ कहा कि चिराग पासवान की लोजपा से उन्होंने कई बार बात की लेकिन वे अलग चुनाव लड़ रहे हैं। हम सार्वजनिक तौर पर साफ करना चाहते हैं कि हम चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ रहे हैं और सरकार भी उन्हीं के नेतृत्व में बनेगी। नीतीश कुमार राजग गठबंधन के प्रारंभिक दौर से हमारे साथ हैं। हम कुछ सीटों या सत्ता के लिए अपने साथी नहीं छोड़ते।
इसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हाल ही में अकाली दल ने गठबंधन छोड़ा, हमने उनका साथ नहीं छोड़ा था। जिस कृषि कानून को मुद्दा बनाकर अकाली दल ने हमारा साथ छोड़ा, हम साफ तौर पर कहते हैं कि वह किसानों के हित में है। न एमएसपी बंद की गई है और न ही कांन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए लोगों को बाध्य किया जा रहा है। पर इन बातों पर लोगों को बरगला कर आंदोलित करने की कोशिश की जा रही है। महाराष्ट्र में राज्यपाल बनाम राज्य सरकार विवाद पर अमित शाह का कहना है मंदिर खोलने संबंधी उनका आग्रह उचित है पर शब्दों का चयन करते समय उन्हें अधिक सावधानी की जानी चाहिए थी।
चीन के साथ सीमा पर तनाव के मुद्दे पर केन्द्रीय गृहमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि मोदी सरकार देश की एक एक इंच भूमि की रक्षा के लिए मुस्तैद व संकल्पबद्ध है। चीनी राष्ट्रपति के बयान पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि देश की सेना हमेशा युद्ध के लिए तैयार ही रहती है, यह उसका ही काम है। 15 मिनट में चीन को सीमा से खदेड़ देने के राहुल गांधी के बयान पर अमित शाह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें किसी भी विषय की जानकारी नहीं रहती। उन्हें 1962 में अपने परनाना का इतिहास जान लेना चाहिए था।
कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से वहां विकास के काम जिस गति से होने चाहिए थे, वह नहीं हो पाए। अब वहां उप राज्यपाल के तौर पर मनोज सिन्हा निरंतर निगरानी का काम कर रहे हैं और 5-6 महीने में परिणाम दिखने लगेगा और अलगाववाद को कोई स्थान नहीं मिलेगा। धारा 370 को पुनः लागू करने के पी. चिदम्बरम के बयान पर अमित शाह ने चुनौती दी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी इसकी पुष्टि कर दें।
हाथरस की घटना पर उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा नहीं किया जा सकता। योगी सरकार ने तुरंत एसआईटी बनाकर जांच शुरू कर दी और अब सीबीआई उसकी जांच कर रही है। राजस्थान में घटी ऐसी ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना की मीडिया द्वारा अनदेखी की गई। सुशांत मामले और ड्रग कनेक्शन की रिपोर्टिंग को लेकर अमित शाह ने कहा कि सब कुछ टीआरपी के लिए लिए नहीं किया जाना चाहिए और न ही मीडिया ट्रायल किया जाना चाहिए। इसी प्रकार ड्रग के मामले में पूरी इंडस्ट्री को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।