पायलट बनने के लिए कौन सी परीक्षाएं देनी होंगी, कितने वक्त में बन जाते हैं पायलट

पायलट बनकर करियर बनाना चाह रहे हैं, तो आप 12वीं के बाद एक पायलट ट्रेनिंग कोर्स कर सकते हैं.

वायु सेना के पायलट की ट्रेनिंग लेने के लिए एनडीए परीक्षा पास कर सकते हैं. 12वीं के बाद पायलट बनने के लिए विज्ञान में 10+2 पूरा किया हो. कई पायलट प्रशिक्षण अकादमियां कॉमर्स छात्रों को भी दाखिले देती हैं. भारत में पायलट बनने के इच्छुक छात्रों की न्यूनतम आयु सीमा 17 साल है. इसके अलावा फिटनेस और मेडिकल सर्टिफिकेट भी देना होगा.

पायलट बनने के लिए एंट्रेंस NDA एग्जाम है. टॉप पायलट स्कूलों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, बॉम्बे फ्लाइंग क्लब, राजीव गांधी अकादमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी, मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब, नेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स का नाम शामिल है. टाइप्स ऑफ पायलट की बात करें तो ये चार प्रकार के होते हैं. एयरलाइन पायलट (Airline Pilot), कॉमर्शियल पायलट (Commercial Pilot), फाइटर पायलट (Fighter Pilot), चार्टर पायलट (Charter Pilot). पायलट की सैलरी 2 से 20 लाख तक होती है.

एयरलाइन पायलट (Airline Pilot) वे होते हैं जो प्राइवेट एयरलाइन के कॉमर्शियल प्लेन उड़ाते हैं. वे सवारियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं. इन पायलट्स को एयरलाइन ट्रांस्पोर्ट पायलट्स कहा जाता है. पायलट ट्रेनिंग की फीस 15 से 20 लाख बताई जाती है.

यदि आप भारतीय रक्षा बलों (Indian Defence Forces) के लिए प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं को पास करने के इच्छुक हैं, तो पायलट बनने के लिए एयरफोर्स अपनाना उपयुक्त है. कठोर प्रवेश प्रक्रिया से शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला (National Defence Academy, Khadakwasla) में 3 साल के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. भारतीय रक्षा बलों में प्रवेश पाने की प्रवेश प्रक्रिया इस प्रकार है.

साइंस स्ट्रीम के 12वीं पास करने के बाद NDA एग्जाम क्वालीफाई करना होता है. इसके बाद IAF की फ्लाइं ब्रांच जॉइन कर सकते हैं. NDA एग्जाम में इंग्लिश, भूगोल, इतिहास, जनरल नॉलेज, फिजिक्स, मैथ्स, केमिस्ट्री और करंट इवेंट्स मेन सब्जेक्ट्स होते हैं. इसके बाद SSB इंटरव्यू होता है. इसमें 2 स्टेज होती हैं. 1- Officer Intelligence Test & a Picture Perception और Discussion Test. 2- साइकोलॉजिकल टेस्ट. इसमें साइकॉलोजिस्ट टेस्ट लेते हैं, पहले ग्रुप टास्क दिया जाता है, फिर पर्सनल इंटरव्यू होता है.

PILOT Aptitude Test: इसमें लिखित परीक्षा और मशीन टेस्ट्स होते हैं. इसमें इंस्ट्रूमेंट्स को पढ़ने समझने की कैंडिडेट की क्षमता आंकी जाती है. साथ में मेंटल स्ट्रेंथ भी इस एंगल से देखी जाती है कि वे अगल अलग हालात में काम करने के काबिल हैं या नहीं. इस टेस्ट की खास बात ये है कि इसे पहले ही अटेंप्ट में पास करना होगा. वरना फ्लाइंग ब्रांच के लिए deemed ineligible करार दे दिया जाएगा.

Medical Exam– इसमें कैंडिडेट का वजन, लंबाई और आंखों के विजन की गहराई से जांच होती है. इसके लिए आई विजन एक आंख में 6/6 और दूसरी में 6/9 होना चाहिए.

प्राइवेट पायलट वे होते हैं जो प्राइवेट जेट उड़ाते हैं. प्राइवेट जेट को रखने के लिए फाइनेंशियल मजबूत लोगों को उनकी जरुरत के हिसाब से कभी भी, कहीं के लिए भी लेकर उड़ा जा सकता है. स्पोर्ट पायलट सिर्फ 10,000 फीट के अंदर प्लेन उड़ाते हैं. वे एक सीमा के भीतर ही रहते हैं.

फ्लाइट इंस्ट्रक्टर पद पर काम करने वाले ट्रेनिंग इस्टीट्यूट्स में काम करते हैं. उनकी जॉब का हिस्सा बाकी पायलट कैंडिडेट्स को ट्रेंड करना होता है. एयर फोर्स पायलट्स- इन पायलट की ट्रेनिंग देश की एयर फोर्स के तहत होती है. ये लोग डिफेंस मिनिस्ट्री के तहत काम करते हैं. ये आर्म्ड जेट्स उड़ानें में एक्सर्ट होते हैं.

पायलट की नौकरी पाने के लिए कैंडिडेट के पास कॉमर्शियल पायलट सर्टिफिकेट होना चाहिए. ये सर्टिपिकेट सर्टिफाइड ऑथोरिटी की ओर से मिला हो, जो कि डारेक्टोरेट ऑफ जनरल ऑफ सिविल एविएशन इन इंडिया है. कॉमर्शियल पायलट बनने के बाद एक फिक्स एयरक्राफ्ट, किसी एक एयरलाइन के लिए उड़ाएंगे. दुनियाभर में अकादमियों की तरफ से कॉमर्शियल पायलट ट्रेनिंग के कोर्स ऑफर किए जाते हैं.

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