मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पंचमढ़ी मध्य भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में एक है। सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच समुद्र तल से 3550 फीट की ऊंचाई पर बसा पंचमढ़ी मध्य प्रदेश का यह एकमात्र हिल स्टेशन है। हरे-भरे और शांत पंचमढ़ी में बहुत-सी नदियों और झरनों के गीत सैलानियों में मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
पचमढ़ी, मे कई झरनों में अप्सरा विहार, इसके शांत पूल के साथ, और पास में एकल, एक बूंद सिल्वर फॉल भी शामिल है। बी फॉल उत्तर-पश्चिम की ओर एक दांतेदार चट्टान के चेहरे पर टकराता है।
पचमढ़ी की सैर 1 सितंबर से महंगी हो गई है। पचमढ़ी घूमने आने वाले सैलानियों को अब सामान्य दिनों में जिप्सी का 2100 रुपए और पीक सीजन में 3 हजार रुपए का भुगतान करना होगा। पर्यटकों के लिए संचालित प्री-पेड टेक्सी बूथ से लिए जाने वाले शुल्क इस बार फिर से 400 रुपए बढ़ा दिया है।
पचमढ़ी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल तक है। इस समय यहाँ का मौसम शांत रहता है और हरियाली की मौजूदगी इस जगह को और भी खूबसूरत बना देती है।
पहुँचने का मार्ग
मध्य रेलवे की इटारसी-जबलपुर शाखा पर स्थित पिपरिया रेलवे स्टेशन । पचमढ़ी सड़क मार्ग पर यह लगभग 52 किमी दूर है। रेल: मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर इटारसी व जबलपुर के बीच पिपरिया स्टेशन सबसे पास है। सड़क: पचमढ़ी भोपाल, इंदौर, नागपुर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा तथा पिपरिया से सीधा जुड़ा है।
पचमढ़ी में मुख्य मंदिर
नर्मदापुरम जिले की पचमढ़ी के सबसे प्रसिद्ध मंदिर चौरागढ़ आस्था का केंद्र है. यह हर साल चौरागढ़ मंदिर में महाशिवरात्रि या भगवान महादेव के जन्मोत्सव को बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इसी समय चौरागढ़ मंदिर में विशाल त्रिशूल चढ़ाया जाता है.