निवेश के नाम पर देशभर के लोगों से धोखाधड़ी करने वाली एडवाइजरी कंपनियों के संचालक ने फ्रॉड के मामले में इंदौर को देश में टॉप पर लाकर खड़ा कर दिया। कंपनी संचालकों ने सेबी के फर्जी रजिस्ट्रेशन बताकर हजारों लोगों से करोड़ों की राशि न सिर्फ हड़पी है, बल्कि फर्जी नाम पते व कंपनी के एड्रेस और फर्जी सिमों से व्यापार चलाकर देशभर में फ्रॉड की ऐसी इबारत रच दी, जिसे लेकर कई बड़ी इनवेस्टीगेशन एजेंसियां इसकी जांच में जुटी हैं। ये बात मंगलवार को पुलिस की स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम के सदस्यों को सेबी के डिप्टी मैनेजर निर्मल मेहरोत्रा ने कही।
कंपनियों से डीमेट अकाउंट की डिटेल लेकर करते हैं शेयर ट्रेडिंग
मेहरोत्र ने एसआईटी टीम को समझाया कि इंदौर में संचालित होने वाली एडवाइजरी कंपनियों के संचालकों ने ताबड़तोड़ रुपया कमाने के लिए कई लोगों के साथ फाइनेंशियल फ्रॉड किए हैं। इसमें कंपनियों द्वारा जिन लोगों को निवेश का झांसा देकर काफी मुनाफे की जानकारी दी जाती थी वे निवेशकों से उनके डीमेट अकाउंट को भी हथिया लेते और अपने मन से शेयर ट्रेडिंग करते हैं। जो की गलत है। इसके अलावा कई ऐसे बिंदु बताए जिन पर पुलिस जांच के बाद आईपीसी की धाराओं में उन्हें आरोपी बना सकती है।
एसआईटी पहले शहर की कंपनियों की करेगी पड़ताल
निवेश के नाम पर आम लोगों से धोखाधड़ी करने वाली एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ हालही में एसआईटी का गठन एसपी आशुतोष बागरी ने किया है। इस एसआईटी में दो सब इंस्पेक्टर देवेंद्र मरकाम और गुलाब सिंह रावत को इंचार्ज बनाया है। वहीं इनके साथ कांस्टेबल राजेंद्र जोशी व दुष्यंत राठौर सहायक की भूमिका में रहंेगे। ये टीम अब एडवाइजरी कंपनियों के फ्रॉड पर पड़ताल करेगी।