राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के बीच अत्यंत महत्वपूर्ण ‘ केशव कुंज डायलॉग ‘ कल 22 अप्रैल को
-अन्ना मलाई, सुधांशु त्रिवेदी के साथ आरिफ मोहम्मद खान, वनाथी श्रीनिवासन, तेजस्वी सूर्या, बीएल संतोष, विष्णु दत्त शर्मा भी सत्ता और संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका में दिख सकते हैं
– 74 वर्षीय आरिफ मोहम्मद खान को राज्यसभा के जरिए संसद में लाकर केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि यदि संघ सहमत हुआ तो प्रधानमंत्री आरिफ मोहम्मद खान को भाजपा के पहले मुस्लिम राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी लाने पर विचार कर रहे हैं
– भाजपा सरकार की पिछले 3 वर्षों की समीक्षा और भविष्य के 3 वर्षों के कार्यक्रमों के संपूर्ण पैकेज के साथ चर्चा होगी केशव कुंज में
– पहली बार संघ की इतनी विस्तृत और मजबूत टीम भाजपा से चर्चा के लिए केशव कुंज में कैंप किए हुए हैं। अन्यथा आमतौर पर समन्वय बैठकों में संघ के तीन-चार से अधिक पदाधिकारी हिस्सा नहीं लेते
– यह लगभग निश्चित है कि कल 22 अप्रैल की बैठक के बाद भाजपा के संगठन और सत्ता में बड़े पैमाने पर फेरबदल की प्रक्रिया प्रारंभ होगी
# राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के बीच अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक कल 22 अप्रैल को नई दिल्ली स्थित संघ के दूसरे महत्वपूर्ण कार्यालय (पहला नंबर नागपुर के रेशम बाग कार्यालय का है) नवनिर्मित केशव कुंज में होने जा रही है। इस बैठक में अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय होने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाला राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के पद पर मध्य क्षेत्र के 5 वर्षों तक क्षेत्र प्रचारक रहे संघ के मौजूदा अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख 44 वर्षीय दीपक विस्पुते को लाए जाने के संकेत हैं।
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 2022 से 2024 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और जेपी नड्डा के नेतृत्व में हुए संगठन के कामकाज की विस्तृत और गहराई से समीक्षा की है। संघ अपनी समीक्षा पर आधारित एक रिपोर्ट भाजपा नेतृत्व के समक्ष रखेगा। इसके अलावा भविष्य के तीन वर्षों में सरकार का क्या एजेंडा रहेगा इस पर भी दोनों संगठन (भाजपा और संघ) चर्चा करने वाले हैं। ध्यान रहे यह संघ की रूटीन सामन्वय बैठक नहीं है, क्योंकि इसमें भाग लेने के लिए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, सभी छह सह सरकार्यवाह यथा,कृष्ण गोपाल,मुकुंद सीआर,अरुण कुमार,रामदत्त चक्रधर,अतुल लिमए और आलोक कुमार के अलावा पांच क्षेत्रों के क्षेत्र प्रचारक, अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश सोनी केशव कुंज में कैंप किए हुए हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत के भी कार्यक्रम मथुरा और उसके आसपास रखे गए हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर वो 1 घंटे के भीतर केशव कुंज पहुंच सके। सनद रहे पिछले 5 दिनों से संघ प्रमुख मथुरा मंडल यानी ब्रज प्रांत में हैं। जाहिर है इस बैठक में भविष्य की योजनाओं का खाका तैयार होगा। इसमें भावी भाजपा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्रिमंडल में किसे हटाना है किसे लाना है, के साथ ही वन नेशन वन इलेक्शन और यूसीसी सहित सभी महत्वपूर्ण एजेंडे पर चर्चा होगी।
इन नेताओं पर निगाहें रखनी होंगी !
सूत्रों का कहना है कि 74 वर्षीय आरिफ मोहम्मद खान, 40 वर्षीय अन्नामलाई, 34 वर्षीय तेजस्वी सूर्या, 54 वर्षीय डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी,54 साल की वनाथि श्रीनिवासन, 53 वर्षीय विष्णु दत्त शर्मा और 51 वर्षीय अनुराग ठाकुर पर निगाहें रखनी होंगी। क्योंकि आने वाले दिनों में ये सभी नेता या तो केंद्रीय मंत्री या संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर दिख सकते हैं। आरिफ मोहम्मद खान अभी बिहार के राज्यपाल जरूर हैं, लेकिन प्रधानमंत्री और संघ के पदाधिकारियों का एक वर्ग चाहता है कि आरिफ मोहम्मद खान को केंद्रीय मंत्री के रूप में लाकर देश भर में वक्फ कानून को समझाने के लिए प्रमोट किया जाए। ऐसे में उन्हें केंद्रीय शिक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री गण भूपेंद्र यादव, डॉ धर्मेंद्र प्रधान और मनोहर लाल खट्टर के बारे में भी बड़े निर्णय हो सकते हैं।
सोशल इंजीनियरिंग और कार्यकर्ताओं से तगड़ा संवाद रखने वाले हैं दीपक विस्पुते
दीपक विस्पुते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख हैं। उनकी नियुक्ति मार्च 2024 में हुई थी। इससे पहले, वह मध्य क्षेत्र में लगभग 5 वर्षों तक क्षेत्रीय प्रचारक के रूप में कार्यरत थे। इसके भी पहले 4 वर्ष वो तत्कालीन क्षेत्र प्रचारक अरुण जैन के साथ सह क्षेत्र प्रचारक रहे हैं। इसका दूसरा अर्थ यह है कि 2014 से 2023 तक दीपक विस्पुते ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उस अवधि के दौरान हुए सभी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को मॉनिटर किया है। लगभग 45 वर्ष उम्र के दीपक विस्पुते सोशल इंजीनियरिंग, कार्यकर्ताओं से निरंतर संवाद और अथक प्रवास के लिए जाने जाते हैं। संघ में उन्हें भावी सरकार्यवाह के तौर पर भी देखा जाता है। अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख के रूप में उत्तर प्रदेश के मीडिया में उनकी चर्चा तब जबरदस्त रूप से हुई थी, जब अक्टूबर 2023 में उन्होंने मथुरा में एक कार्यक्रम में सामाजिक सुधारों पर पांडित्य पूर्ण बौद्धिक दिया था। इस बौद्धिक में उन्होंने सामाजिक सुधार के लिए पांच तत्वों पर बात की थी। जबलपुर मूल के दीपक विस्प्पुते को ओबीसी, आदिवासी और दलितों में काम करने का और उनके विमर्श को समझने का गहरा अनुभव है।
स्थापना कल से अब तक के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री
यह दोहराने की आवश्यकता नहीं है कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और प्रदेश संगठन महामंत्री के पद पर किसकी नियुक्ति होगी,ये संघ के सरकार्यवाह करते हैं। संघ में सरसंघचालक संगठन के फिलॉस्फर एंड गाइड होते हैं। जबकि सारी कार्यकारी शक्तियां सरकार्यवाह के पास होती हैं। यह कुछ-कुछ ऐसा ही है जैसे भारत में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का पद होता है। हालांकि संघ प्रमुख के पास वीटो पावर होता है जो, हमारे महामहिम के पास नहीं होता। स्थापना काल से यानी 1980 से अब तक के संगठन महामंत्री इस प्रकार हैं…
– कुशाभाऊ ठाकरे: 1980 से 1986 तक।
– केएन गोविंदाचार्य: 1986 से 2000 तक।
– संजय जोशी: 2000 से 2005 तक।
-रामलाल: 2006 से 2014 तक।
– राम माधव: 2014 से 2015 तक।
-बी.एल. संतोष: 2015 से अब तक।
संगठन चुनाव का मौजूदा स्टेटस यह है..
भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम 50 फ़ीसदी राज्यों में संगठनात्मक चुनाव होने आवश्यक हैं।इन चुनावों में बूथ, मंडल और जिला स्तर पर चुनाव शामिल हैं, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव होता है। अभी तक 14 प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है, परन्तु राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 19 प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति आवश्यक है। शेष राज्यों में भी 22 अप्रैल के बाद तेजी से नियुक्तियां होने की संभावना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में 10 पद रिक्त हैं
भारतीय संविधान के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा के कुल सदस्यों के 15 फ़ीसदी से अधिक नहीं हो सकती है। वर्तमान में लोकसभा में 543 सदस्य हैं, इसलिए मंत्रिपरिषद में अधिकतम 81 मंत्री हो सकते हैं, जिसमें प्रधान मंत्री भी शामिल हैं।
अभी, केंद्रीय मंत्रिपरिषद में प्रधान मंत्री सहित 71 मंत्री हैं। इसलिए, सैद्धांतिक रूप से, लगभग 10 पद अभी भी रिक्त हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह संख्या सैद्धांतिक अधिकतम है, और प्रधान मंत्री अपने मंत्रिमंडल का आकार अपनी आवश्यकतानुसार तय करते हैं। जरूरी नहीं है कि सभी रिक्त पद हमेशा भरे ही जाएं।
प्रधानमंत्री ने इस तरह की है सोशल इंजीनियरिंग
केंद्रीय मंत्रिमंडल में दलित मंत्रियों की संख्या 10 है, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मंत्रियों की संख्या 27 है, आदिवासी मंत्रियों की संख्या 5 है और महिला मंत्रियों की संख्या 7 है।
भव्य है नया केशव कुंज भवन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दिल्ली कार्यालय ‘केशव कुंज’ की नई इमारत बनकर तैयार हुई है। यह 3.75 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 12 मंजिला 3 टावर हैं जिनमें 300 कमरे हैं। इसमें आधुनिक सुविधाएं हैं, जहां संघ कैडर के प्रशिक्षण, बैठकें और कार्यक्रम होंगे। इसमें एक पुस्तकालय, सभागार और एक छोटा अस्पताल भी है। यह ध्यान रखना होगा कि यह भवन पूरी तरह से दान के पैसों से बनाया गया है। भवन निर्माण में कितने लोगों ने और किस-किस ने दान दिया इस की पूरी सूची उपलब्ध है।
( सांध्य दैनिक 6 pm से साभार)