क्यों न खेती से हो रही सालाना १० लाख रुपए से ज्यादा की आय पर टैक्स लगाया जाए?

 

 

आमतौर पर यह देखा जा रहा है कि धनाढ्य वर्ग, राजनीतिक लोग, नौकरशाह और सेलेब्रिटी लाखों करोड़ों में अपनी आय खेती के रूप में दर्शाकर काले धन को सफेद तो करते ही हैं पर साथ ही एक पैसा भी टैक्स देने से बच जाते है क्योंकि कृषि आय आयकर कानून की धारा १०(१) एवं २(१अ) के अंतर्गत करमुक्त होती है.

आपको जानकर और हैरानी होगी कि देश की कुल जनसंख्या जो आज की तारीख में १४२.२१ करोड़ है, उसमें से ५२.६९ करोड़ लोगों ने अपने पैन को आधार से लिंक किया है. अब समझने की बात यह है कि आयकर पोर्टल पर मात्र ११.९३ करोड़ पैन ही रजिस्टर्ड है और इसमें से रिटर्न फाइल करने वाले ७.३० करोड़ लोग हैं. सबसे हैरानी की बात की इनमें से टैक्स भरने वाले मात्र ३.५० करोड़ लोग हैं.

*मतलब ३% से भी कम जनसंख्या आयकर भरती है और पैन नम्बर लिया है लगभग ५०% जनसंख्या ने.*

अभी हाल में ही खबरों में आया की बालीवुड के प्रसिद्ध एक्टर शाहरुख खान की लड़की जो फिल्मों में अपनी शुरुआत करने जा रही है, उसने मुंबई के पास अलीबाग क्षेत्र के एक गांव थाल में लगभग १२.९१ करोड़ की कृषि भूमि खरीदी है.

हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार सेल रजिस्ट्रेशन में सुहाना खान को एक किसान के रूप में प्रदर्शित किया गया है.

इसका सीधा तथ्य यह है कि बॉलीवुड में शुरुआत करने से पहले ही सुहाना खान एक किसान बन गई है ताकि फिल्म इंडस्ट्री में मिलने वाले काले धन को खेती के रूप में दिखाकर सफेद कर सकें और टैक्स भी न देना पड़े.

*न हींग लगे न फिटकरी और रंग चोखा ही चोखा* कहावत बिल्कुल फिट बैठती है, ऐसे महानुभावों और बड़े किसानों पर.

*क्या सरकार को यह दिख नहीं रहा कि खेती की आय करमुक्त करने से सिर्फ और सिर्फ कर चोरी करने वालों को ही बढ़ावा मिल रहा है! इसलिए जरूरी है कि सरकार १० लाख रुपए सालाना से ज्यादा कृषि आय दिखाने वालों को कर दायरे में लाए.*

*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर

Shares