अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई करते हुए करीब 18 हजार भारतीयों को वापस भेजने का आदेश दिया है. वहीं कनाडा से भी भारतीयों के लिए बुरी खबर आई जहां 2025 में दूसरे देशों से कनाडा में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों की संख्या 5,05,162 तय की गई है. ऐसे कानूनों से उन भारतीयों को बड़ा नुकसान होने की उम्मीद है, जो बेहतर जिंदगी और रोजगार के लिए इन देशों का रुख करने का प्लान कर रहे हैं. इन सबके बीच सऊदी अरब के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने एक ऐसा नीति की शुरुआती की है जो भारतीयों के लिए खुशी लेकर आई है. भारत के बड़ी संख्या में लोग स्किल, सेमीस्किल और अनस्किलिड लेबर के तौर पर सऊदी के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. MEA के मुताबिक सऊदी अरब में 26 लाख से ज्यादा भारतीय रह रहे हैं. मंत्रालय ने अब जबरन श्रम मजदूरी को खत्म करने के लिए एक नई पॉलिसी की शुरुआत की है. इसके लागू होने के बाद सऊदी अरब पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने सुरक्षित काम के माहौल बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं और दूसरे देशों से आने वाले मजदूरों के हितों का ख्याल रखा है. इसके लागू होने से भारत के उन मजदूरों को फायदा होगा, जो कम पढ़े लिखे हैं और सऊदी के अनौपचारिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.
सऊदी अरब अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के जबरन श्रम सम्मेलन के 2014 प्रोटोकॉल को मानने वाला पहला GCC सदस्य है और अब इस नीति को पेश करने के बाद ऐसा पहला अरब देश बन गया है. जो जबरन श्रम को खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पैमानों पर काम कर रहा है. देश की राष्ट्रीय नीति में व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिसमें ऐसा करवाने वालों पर लगाम और सुरक्षा उपायों के जरिए से जबरन श्रम को खत्म करने की कोशिश करना और पीड़ितों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना शामिल है. कार्य वातावरण नियंत्रण और विकास के उप मंत्री सत्तम अल-हरबी ने एक बयान में कहा “जबरन मजदूरी को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय नीति की शुरुआत सऊदी अरब के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यह देश में रहने और काम करने वाले सभी लोगों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है. राष्ट्रीय नीति की शुरुआत वैश्विक और स्थानीय भागीदारों के सहयोग से कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमारे चल रहे काम पर भी आधारित आधारित है. यह नीति जबरन श्रम पीड़ितों के लिए कानूनी, सामाजिक और आर्थिक सहायता करेगी, साथ ही उनकी रिकवरी में सहायता करने और फिर से पीड़ित होने के जोखिम से बचाने के तरीकों पर भी ध्यान देगी. ये राष्ट्रीय नीति भी किंग सलमान के विजन 2030 का एक हिस्सा है, जिसके जरिए वह दुनिया को ये दिखाना चाहते हैं कि सऊदी अरब काम, करने, रहने और घूमने से लेकर हर लिहाज से विकसित देशों से कम नहीं है ▪️