एक्सिस बैंक के गुजराती मॉडल पर रिजर्व बैंक का हथौड़ा चला

शैलेन्द्र बिरानी:

अहमदाबाद, गुजरात मे पंजीकृत कार्यालय वाले राष्ट्रीय स्तर के प्राइवेट एक्सिस बैंक ने भारतीय रिजर्वं बैंक के बैंकिंग लोकपाल को केवाईसी (आधार, पैन कार्ड व पते के प्रमाण) अपडेट से शुरू हुए मामले में पैसा रिटर्न करने के डिमांड ड्राफ्ट की जानकारी देकर खाताधारक को नहीं देने के सेन्टिमेंट में उसके आधार व सरकारी दस्तावेजों में दर्ज सही निवास स्थान के पते को गलत साबित करने का ऐसा मकडजाल बुना की उसके लिए रिजर्व बैंक के कर्मचारीयों को ही बेवकूफ़ बनाने के लिए डिमांड ड्राफ्ट डिलेवरी के फर्जी व दूसरे अन्जान लोगों के दस्तावेज लगा डाले |

बैंक कर्मचारियों के ग्राहक के साथ रूखे, अपमानित, जलिल व सम्पूर्ण दस्तावेज होने के बावजूद रिजर्व बैंक की गाईडलाइन के विपरित ग्राहक के साथ आचरण होता देख यदि कोई सेविंग खाता रखने वाला खाताधारक अपने खाते को बन्द कराने की अर्जी दे दे तो बैंक अपने कर्मचारियों के माध्यम से उसे सबक सिखाने के लिए ऐसा कागजी चक्रव्यूह रच दे की खाताधारक की उसके खाते में जमा पूंजी बैंक के चक्कर काटने, नये-नये बनाये रिमार्क के मामलों में ही खर्च हो जाये या वो अपने पैंसों को बैंक में ही छोड चलता बने | इस तरह के गुजराती मॉडल को चलाने की कोशिश एक्सिस बैंक को भारी पड़ गई क्योंकि उस खाताधारक नें दस्तावेजों सहित पूरा मामला भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को भेजकर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के संज्ञान में ला दिया |

वर्तमान में भारतीय रिजर्वं बैंक ने एक्सिस बैंक पर केवाईसी में अनियमितताओं को लेकर 90.93 लाख का जो भारी भरकम जुर्माना लगाया उसके पीछे कई मामलों में एक मामला ऐसा भी हैं जो गुजरात के हिम्मतनगर की एक्सिस ब्रांच से जुडा हैं। भारतीय रिजर्व बैंक अपनी गाईडलाइन के अनुसार शिकायतकर्ता का नाम व पहचान अपनी तरफ से जाहिर नहीं करता परन्तु सेविंग खाताधारक पेशे से वकील जगदीश भाई पटेल ने स्वयं यह जानकारी व दस्तावेज सार्वजनिक करे हैं ताकि देश के आम नागरिकों का हौंसला व साहस मजबूत हो सके कि यदि बैंक कर्मचारी उनके साथ बोलचाल में भी गलत व्यवहार करे व बैंक का शीर्ष प्रबंधन उन पर कार्यवाही न करके पर्दा डाले तो भारतीय रिजर्व बैंक व भारत सरकार तुरन्त कानूनी हथौड़ा चला के दण्डित करने के लिए आम लोगों के साथ तत्पर खडी है |

गुजरात से आये दिन बैंकों के साथ लाखों-करोडों रूपये की धोखाधड़ी या लोन की राशि न चुका के विदेश भाग जाने की खबरें देर-सवेर आती रहती हैं | इस कारण भारत सरकार ज्यादा सजग व सचेत हो गई हैं। एक्सिस बैंक की पुरी संस्था पर दण्डात्मक कार्यवाही करके उसने संदेश दिया की आम नागरिकों पर खाते में कम बैलेन्स होने पर, मामूली त्रुटि हो जाने पर दण्ड लगाकर लाखों-करोडों की कमाई प्रतिवर्ष करने वाले भी त्रुटि करेंगे व नियमों के विरूद्ध काम व आचरण करेंगे तो उन पर भी दण्ड लाखों-करोडों में होगा |

इस दण्डात्मक कार्यवाही को पूरे देश की मीडीया ने प्रमुखता से देशवासीयों को बताया परन्तु गुजराती भाषा क्षेत्र-विशेष होने के कारण वहां के लोगों को ही पता नहीं चला | हिम्मतनगर व उसके आसपास के क्षेत्र में सोशियल मीडिया में वायरल हो जाने से लोगों के मन में डर व चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं क्योंकि एक्सिस बैंक ने उन दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं करी जिस कारण वो अब 56 इंच का सिना ठोककर कह रहे हैं कि हम पर और हमारी ब्रांच पर नहीं अहमदाबाद वाली ब्रांच पर कार्यवाही हुई हैं | गुजराती बैंक भगोडों की बढती तादाद से वहां के समाज पर प्रतिकुल असर पडा हैं इसलिए सभ्य, प्रतिष्ठित व जवाबदेही लोग भी कोई गुजराती अच्छा काम कर दे तो उसके साथ खड़े होने से घबराने लगे हैं |

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