सरकार द्वारा सोमवार को जारी नियमों के तहत, अब पेड रिव्यू को अलग से मार्क करना होगा. इससे ग्राहकों को मदद मिलेगी:
१. उपभोक्ता रिव्यूज के आधार पर ग्राहक सही प्रोडक्ट खरीद सकेंगे.
२. ई-कॉमर्स कंपनियों में गाइडलाइंस लागू करने पर सहमति बन गई है.
३. अभी गाइडलाइंस अनिवार्य नहीं है. हालांकि, जल्द ही गाइडलाइंस को अनिवार्य बनाया जाएगा.
४. गाइडलाइंस के तहत, अगर कंपनियां नहीं मानती हैं, तो कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
५. यह कार्रवाई कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत होगी.
६. नियमों के मुताबिक, यह मामला अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस में आएगा.
७. इसके तहत कंपनियों पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान होगा.
८. कंपनियों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
९. ऐसे फर्जी रिव्यूज की वजह से ग्राहकों को प्रभावित करने से जुड़े मामले सामने आते रहे हैं, जहां उन्होंने रिव्यू पर भरोसा कर गलत प्रोडक्ट खरीदकर नुकसान उठा लिया.
१०. नई गाइडलाइन के साथ यह उम्मीद बंधेगी कि लोग आगे ऐसे फर्जी रिव्यू से बच सकेंगे.
११. अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को रहना होगा सावधान
१२. इन गाइडलाइन का मकसद उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना है और किसी उत्पाद की सही जानकारी सामने लाना है. जिससे वो सामान की खरीद को लेकर सबसे सही फैसला ले सके.
१३. इन गाइडलाइन के दायरे में कंपनियों के द्वारा अपने उत्पाद के लिए पॉजिटिव रिव्यू के साथ साथ दूसरी कंपनी के उत्पादों के निगेटिव रिव्यू भी शामिल होंगे.
१४. सरकार के इस कदम से जोमैटो, स्विगी, नाएका, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों पर कार्रवाई हो सकेगी. सेल्स बढ़ाने के लिए कई बार कंपनियां चुनिंदा ग्राहकों को गिफ्ट आदि देकर अपने प्रोडक्ट के लिए सकारात्मक रिव्यू लिखने को कहती हैं.
*उपरोक्त गाइडलाइन को जल्द से जल्द कानून का स्वरूप देने की जरूरत है ताकि रिटेल डीलर्स के साथ आम जनता को भी इन फर्जी रिव्यू द्वारा नुकसान न हो.*
*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर