इन्दौर दिनांक 4 मार्च :
डॉ. अशोक अवस्थी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस.टी.एफ. मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा सेबी से प्राप्त शिकायतों पर फर्जी एडवाईजरी कम्पनी चलाने वाले लोगो पर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था।
पùविलोचन शुक्ला पुलिस अधीक्षक एस.टी.एफ. इन्दौर द्वारा बताया गया कि बी.एस.एफ. के जवान राकेश कुमार यादव निवासी अहमदाबाद द्वारा सेबी को एक शिकायत की गई थी कि इन्दौर स्थित ट्रेड मनी रिसर्च कम्पनी के कर्ताधर्ताओं ने उन्हे सेबी से रजिस्टर्ड कम्पनी का विश्वास दिलाते हुए बीस हजार रूपयें डीमेट खाते में रखने पर टेªडिंग से 15 दिन में पैंतीस लाख रूपयें कमाने का प्रलोभन देते हुए एक लाख चालीस हजार रूपयें की राशि ट्रेड मनी रिसर्च के एक्सिस बैंक वीरेन्द्र कंुमार के आय.सी.आय.सी.आय. बैंक तथा प्रॉफिट वेज रिसर्च के पेटीम लिंक में पैसा प्राप्त कर धोखाधडी कारित की गई है। यह शिकायत सेबी से एस.टी.एफ. मुख्यालय के माध्यम से इन्दौर को प्राप्त हुई।
एस.टी.एफ.इन्दौर में गठित विशेष जांच दल के उप निरीक्षक श्यामकिशोर त्रिपाठी एवं सउनि अमित दीक्षित की टीम द्वारा इस शिकायत पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए पाया गया कि ट्रेड मनी रिसर्च नामक कम्पनी ने एक्सिस बैंक की विजय नगर शाखा में खाता खोला जाकर वर्धमान कॉम्पलेक्स का पता लिखा गया था जो वहां से ऑफिस बन्द कर किसी अन्यत्र जगह से यह कम्पनी चलाने लगे।
सेबी से इन कम्पनी के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर यह कम्पनीज सेबी से रजिस्टर्ड होना नहीं पाई गई जिससे सेबी एक्ट 1992 के तहत जारी की गई सेबी एडवाईजरी रेग्यूलेशन 2013 की धारा 12(1) का उल्लंघन होना पाये जाने की पुष्टि की गई थी। इस आशय की पुष्टि होने पर पुलिस थाना एस.टी.एफ. भोपाल में अपराध क्रमांक 141/2020 पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया।
ट्रेड मनी रिसर्च का ऑफिस बन्द होने और किसी अन्य स्थान से अलग-अलग नामों से कॉलिंग कर लोगो से ट्रेड में फायदा दिलाने का झांसा देकर इन लोगो द्वारा अलग-अलग स्थानों से कार्य किया जा रहा था। जिससे इस कम्पनी के कर्ताधर्ताओं की तलाश में काफी कठिनाई हो रही थी।
एस.टी.एफ. इकाई के सउनि अमित दीक्षित को मुखबिर द्वारा सूचना दी गई कि इस कम्पनी का एक व्यक्ति कमलेश वर्मा प्रजापत नगर इन्दौर में निवास कर रहा है जिसकी तस्दीक कर टीम के साथ कार्यवाही करने पर इस गिरोह के कमलेश वर्मा भरत राठौर वीरेन्द्र ठाकुर पंकज शर्मा और दीपक मालवीय को हिरासत में लेकर कडाई से पूछंने पर इनके द्वारा बताया गया कि यह सभी पूर्व में अलग-अलग एडवाईजरी कम्पनियों में काम करते थे जहां पर एडवाईजरी के मालिकों के ऐशों आराम शान-ओ-शौकत देखकर स्वयं की कम्पनी बनाने के लिए वहां से नौकरी छोडकर सभी ने मिलकर ट्रेड मनी रिसर्च कम्पनी खोली गई जिसमें सभी बराबर के पार्टनर बने और डाटा को खरीदकर लोगो को सेबी से रजिस्टर्ड एडवाईजरी होने का विश्वास दिलाते हुए लोगो के साथ धोखाधडी कारित करने लगे थे।
गिरफतार किये गये आरोपियों का विवरण निम्नानुसार हैः-
1. आरोपी कमलेश वर्मा पिता लोभीराम वर्तमान में बेरोजगार होकर निवासी म.न. 554 सेक्टर डी प्रजापत नगर इन्दौर में रहता है जो प्रशांति इंजिनियरिंग कॉलेज उज्जैन से वर्ष 2014 में बी.ई. मेकेनिकल उर्त्तीण है। पूर्व में प्रॉफिटएम रिसर्च कम्पनी मे 2 महिने काम किया और एडवाईजरी का काम सीख गया था। आरोपी के पिता लोभीराम 32 वीं वाहिनी विसबल उज्जैन में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ है।
2. आरोपी वीरेन्द्र ठाकुर पिता भुवनलाल ठाकुर निवासी गली नं. 10 नन्दानगर इन्दौर मूल निवासी ग्राम बरसला लोपा तहसील केवलारी लोपा जिला सिवनी वर्तमान में द स्मार्ट इनवेस्ट पाटनीपुरा इन्दौर में टेलीकॉलिंग की नौकरी कर रहा था यह कम्पनी किसी पवन नामक व्यक्ति द्वारा संचालित की जा रही है। आरोपी 12वी तक शिक्षित होकर पूर्व में मनी केपिटल कम्पनी मे 4 महिने काम किया है।
3. आरोपी भरत राठौड पिता संग्राम सिंह राठौर निवासी म.न. आदर्श मेघदूत नगर गली नं. 4 इन्दौर मूल निवासी ग्राम रन्नोद थाना रन्नोद तहसील कोलारस जिला शिवपुरी का रहने वाला है जो बी.एस.सी. बदरवास कॉलेज शिवपुरी से उर्त्तीण है जो पूर्व में मनी केपिटल कम्पनी में 5-6 महिने तक नौकरी कर अनुभव प्राप्त किया है।
4. आरोपी पंकज शर्मा पिता कमलकिशोर शर्मा निवासी मालवीय नगर इन्दोैर मूल निवास म.न. 211 गौतम नगर देवास म.प्र. का रहने वाला है जिसने पूर्व में प्रॉफिट एम रिसर्च कम्पनी मे 4 महिने काम किया है।
5. आरोपी दीपक मालवीय पिता प्रहलाद मालवीय निवासी रामकृष्णबाग कॉलोनी इन्दौर मूल निवासी ग्राम खरपडी पोस्ट बीसाखेडी थाना सोनकच्छ तहसील सोनकच्छ जिला देवास एम.कॉम शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय इन्दौर से शिक्षित होकर पूर्व में पेस रिसर्च इण्डिया कम्पनी मे 6 महिने काम कर चुका है।
आरोपियों द्वारा की गई धोखाधडी में ट्रेड मनी रिसर्च के बैंक खाते में मात्र 4 महिने की अवधि में लगभग 8 लाख रूपयें की धोखाधडी होना पाई गई है साथ ही इन सभी ने अपने-अपने निजी बैंक खातों में भी राशि प्राप्त की गई है जिसकी जानकारी बैंक से प्राप्त की जा रही है।
आरोपी वीरेन्द्र पूर्व में प्रॉफिट वेज रिसर्च नामक कम्पनी में काम करता था जो किसी अमन नामक व्यक्ति की होना बताई गई है जिसकी जानकारी प्राप्त की जा रही है आरोपियों द्वारा इस कम्पनी में भी पैसा लगवाया जाकर धोखाधडी की गई है अमन की तलाश की जा रही है।
उल्लेखनी है कि ट्रेड मनी रिसर्च प्रॉफिट वेज रिसर्च के अतिरिक्त आरोपी भरत राठौर और पंकज शर्मा वर्तमान में भी पंकज के किराये के मालवीय नगर स्थित घर से लोगो को कॉलिंग कर धोखाधडी कारित कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि गिरफतार किये गये किसी भी आरोपी की शैक्षणिक योग्यता सेबी के मापदण्डो के अनुसार NISM Certificate प्राप्त करने योग्य नहीं है ओैर ना ही इनके द्वारा यह सर्टिफिकेशन प्राप्त किया गया है। आरोपियों द्वारा अन्य कई फर्जी कम्पनियों के नाम से कॉलिंग कर लोगो के साथ धोखाधडी कारित की जा रही थी जिसकी जानकारी प्राप्त की जा रही है।
फर्जी कम्पनियों के गिरोह का पर्दाफाश करने में एस.टी.एफ. इन्दौर के उप निरीक्षक श्याम किशोर त्रिपाठी सउनि अमित दीक्षित आरक्षक विवेक द्विवेदी आशीष मिश्रा और भीषमपाल सिंह की उल्लेखनीय भूमिका रही है।