आईएएस अफसरों पर हो एफआईआर: कांग्रेस

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ‘‘422 अस्पतालों में यह गड़बड़ी अनुमानित कम से कम 500 करोड़ की हो सकती है। समाचारों में छापा था कि कई आईएएस अधिकारियों के कार्यकाल में आयुष्मान अस्पतालों को करोड़ों रूपयों का भुगतान हुआ, जिन अधिकारियों के कार्यकाल में गड़बड़ी हुई, उनके नाम इस प्रकार हैं-पल्लवी जैन गोविल-प्रमुख सचिव, मोहम्मद सुलेमान-अपर मुख्य सचिव, प्रतीक हजेला- आयुक्त, संजय गोयल-प्रमुख सचिव, आकाष त्रिपाठी-आयुक्त, सुदाम खेड़े- आयुक्त, जे. विजय कुमार-सीईओ, अनुराग चौधरी-सीईओ, सपना लोवंषी- कार्यकारी अधिकारी। कैलाष मकवाना लोकायुक्त डी.जी. रहते सपना लोवंशी के खिलाफ जांच की अनुमति मांग चुके थे। आयुष्मान योजना में 9 लाख के लेन-देन की वीडियो वायरल होने पर जांच करानी पड़ी। राज्य शासन ने आयुष्मान योजना के सीईओ अनुराग चौधरी को हटाया। इसकी वजह भी नौ लाख के लेन-देन से जुड़ा वीडियो बताया जाता है।

कांग्रेस ने आयुष्मान की वेबसाइट से जो जानकारी निकाली, उसमें निलम्बित अस्पतालों की सूची 422 बतायी गयी है, जिसमें 84 अस्पताल भोपाल के, प्रॉफिट के आयुष्मान अस्पताल 545 एवं नॉन प्रॉफिट के आयुष्मान अस्पताल 82 बताये गये हैं। अर्थात् मध्यप्रदेश में निजी आयुष्मान अस्पताल 545 मिलाकर कुल 627 को कार्यरत बताया जा रहा है। इस मान से प्रदेश में कुल 205 आयुष्मान चिकित्सालय सक्रिय हैं।

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