अमेरिका में पहले से ही घट रहा था जीवन-काल, कोरोना ने और तेज कर दी रफ्तार

 

 

जिस समय अमेरिका टेक्सास राज्य में बर्फीली सर्दी के बीच बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो जाने की समस्या से सदमे में है, तभी इस खबर से भी देश के मनोबल पर चोट पहुंची है कि 2020 में अमेरिका में औसत आयु (अपेक्षित जीवन काल) में गिरावट आई। विकसित देशों के बीच अमेरिका में नागरिकों की औसत आयु पहले से कम रही है। जीवन प्रत्याशा का संबंध किसी देश के मानव विकास और वहां मौजूद बुनियादी सामाजिक सुरक्षाओं से माना जाता है।

अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशंस (सीडीसी) से जुड़े नेशनल सेंटर फॉर स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक बीते साल जून के आखिर में अमेरिका की औसत आयु 77.9 वर्ष थी। यह 2019 के जून की तुलना में एक साल कम थी। दूसरे विश्व युद्ध के बाद एक साल की अवधि में औसत आयु में यह सबसे बड़ी गिरावट है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका की औसत जीवन प्रत्याशा में 2.9 वर्ष की गिरावट आई थी। जून 2020 के आखिर में अमेरिका में लोगों की जो औसत आयु दर्ज की गई, वह 2006 के बाद का सबसे निचला स्तर है।

ताजा रिपोर्ट को तैयार करने में शामिल रहीं स्वास्थ्य वैज्ञानिक एलिजाबेथ एरियस ने कहा- ‘मृत्यु दर में इतनी वृद्धि आना चिंताजनक है। इससे इस बात की स्पष्ट तस्वीर देखने को मिली है कि कोरोना महामारी ने हमें किस हद तक प्रभावित किया है।’ इस रिपोर्ट से यह भी जाहिर हुआ है कि अमेरिका में कोरोना महामारी का वहां के अल्पसंख्यक समूहों पर अपेक्षाकृत कितना ज्यादा असर हुआ है। ब्लैक समुदाय के लोगों की औसत आयु में 2.7 वर्ष की गिरावट आई है। अब यह 72 साल रह गई है। हिस्पैनिक (स्पेनिश भाषी) समुदाय की औसत आयु 1.9 साल घटी है।

अमेरिकी समाज में जारी गैर-बराबरी और कोरोना महामारी के अलग-अलग समुदायों पर अलग असर का नतीजा है कि अब अमेरिका में श्वेत समुदाय के लोगों की औसत आयु ब्लैक समुदाय की औसत आयु में अंतर छह साल का हो गया है। एलिजाबेथ अरियास ने कहा कि कोरोना महामारी का असर ब्लैक समुदाय पर जितना पहले समझा गया था, उससे कहीं ज्यादा बुरा असर हुआ है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2020 में अमेरिका में पुरुष और महिलाओं के औसत जीवन काल का फासला भी बढ़ा। महिलाओं की औसत जीवन प्रत्याशा 80.5 साल दर्ज की गई, जो पुरुषों की तुलना में औसतन 5.4 साल ज्यादा है।

जनसंख्या विशेषज्ञों का कहना है कि अभी सामने आए आंकड़े पूरी तस्वीर पेश नहीं करते। जब पूरे 2020 के आंकड़े आएंगे, तो औसत जीवन प्रत्याशा में और भी ज्यादा गिरावट देखने को मिलेगी। बीते दिसंबर में सीडीसी के नेशनल हेल्थ सेंटर फॉर हेल्थ स्टैटिस्टिक्स में मृत्यु संबंधी सांख्यिकी के प्रमुख रॉबर्ट एंडरसन ने कहा था कि जब 2020 के पूरे आंकड़े आएंगे, तो औसत आयु में दो से तीन साल की गिरावट देखने को मिलेगी।

अमेरिका में 2017 से पहले लगातार एक दशक तक औसत आयु में गिरावट आई थी। उसके बाद 2018 और 2019 में इसमें मामूली बढ़ोतरी हुई। कई समाजशास्त्रियों और अर्थशास्त्रियों ने औसत आयु में हुई लगातार गिरावट का कारण अमेरिका में यूनिवर्सल हेल्थ केयर सिस्टम के अभाव और सामजिक सुरक्षा की व्यवस्था के लगातार कमजोर होने को बताया था। जानकारों के मुताबिक टेक्सास राज्य में बिजली व्यवस्था के ध्वस्त होने को देश में बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर की बदहाली की तस्वीर सामने आई है। ऐसे में ताजा आंकड़ों के सामने आने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि इन बुनियादी समस्याओं की तरफ फिर से ध्यान जाएगा।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में जनसंख्या स्वास्थ्य विषय के प्रोफेसर ग्बेन्गा ओगेडेग्बे ने कोविड-19 महामारी के अलग-अलग समुदायों पर हुए अलग असर का अध्ययन किया है। उन्होंने अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल से कहा कि जिन ब्लैक लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा मिली, उनके बीच कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु की दर कम रही। उन्होंने कहा कि हालांकि ब्लैक और हिस्पैनिक लोगों के संक्रमित होने की गुंजाइश अधिक थी, लेकिन उनके अस्पताल में भर्ती होने का अनुपात कम रहा। इसकी वजह से उनके बीच ज्यादा मौतें हुईं। जानकारों के मुताबिक इस हकीकत ने देश में बढ़ती जा रही आर्थिक और सामाजिक गैर-बराबरी पर भी रोशनी डाली है।

 

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