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हाथ की इस उंगली में भूलकर भी न पहने सोने की अंगूठी, कंगाल और लाचार होने से बचें

अंगुठी/ मुद्रिका या रिंग का हमारी लाइफ पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. इन पर लगी धातु या पत्थर का संबंध हमारे शरीर की धमनियों से होता है. शरीर में होने वाले और मानसिक शांति के लिए अक्सर लोग अंगूठी पहनते हैं.

कई लोगों को हाथों में अंगूठी पहनने का शौक होता है. इसे कुछ लोग फैशन के तौर पर पहनते हैं, तो कुछ ज्योतिषीय सलाह से पहनते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर उंगली पर एक विशेष धातु की ही अंगूठी पहनी जाती है.इन अंगूठियों का हमारे जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तर्जनी उंगली में सोने की अंगूठी धारण करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि तर्जनी उंगली में सोने की अंगूठी पहनने से सुख-समृद्धि आती है.

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मध्यमा उंगली में लोहे की अंगूठी धारण करनी चाहिए. मध्यमा उंगली में सोने की अंगूठी कभी नहीं पहननी चाहिए. कहते हैं मध्यमा उंगली में सोने की अंगूठी धारण करने से नकारात्मकता बढ़ती है.

शास्त्रों के अनुसार अनामिका उंगली जिसे रिंग फिंगर भी कहा जाता है उसमें तांबे की अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है. कहते हैं कि रिंग फिंगर का संबंध सूर्य से होता है. ऐसे में तांबे की अंगूठी धारण करने से लाभ होता है.

शास्त्रों के अनुसार कनिष्ठा उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से लाभ होता है. कहा जाता है कि, छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से तनाव से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही गुस्सा कम आता है.

शास्त्रों के अनुसार अंगूठे में चांदी या प्लैटिनम की अंगूठी पहनने से बहुत फायदा होता है. कहते है कि, अंगूठे में चांदी या प्लैटिनम की अंगूठी पहनने से वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है. इसके अलावा जीवन में शांति बनी रहती है.

Disclaimer:इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी.

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