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सदन में रामचरित मानस की चौपाई- शूद्र, पशु, ढोर… का जिक्र

बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही में चौपाई- शूद्र, पशु, ढोर… का जिक्र हुआ। जैतपुर से बीजेपी विधायक मनीषा सिंह शिवराज सरकार के बजट की खूबियां बता रही थीं। इसी बीच कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने चौपाई पढ़ते हुए मनीषा सिंह को दोहराने के लिए कहा।

मनीषा सिंह बजट पर अपना वक्तव्य देते हुए कहती हैं- मध्यप्रदेश के इस बजट का मैं समर्थन करती हूं। मुख्यमंत्री जी को बहुत धन्यवाद देती हूं कि मध्यप्रदेश में ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ अर्थात- जहां नारी की पूजा होती है, जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता का वास होता है, यह बात बजट में चरितार्थ होती है।

इतने में मनीषा सिंह को बीच में रोकते हुए साधौ कहतीं हैं- यह कोट भी आप पढ़ दीजिए- शूद्र, पशु, ढोर, गंवार, नारी, यह हैं ताड़ना के अधिकारी…। साधौ की बात सुनकर मनीषा सिंह कुछ सेकेंड के लिए रुकीं, फिर आगे स्पीच पूरी की।

सदन के बाहर जब साधौ से पूछा गया, तो वे बोलीं- उसने (मनीषा सिंह) ये कहा था- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’। इस पर मैंने कहा- ढोर, गंवार, शूद्र, पशु नारी… इसे भी कह दो। सरकार की दोहरी नीति चल रही है। एक तरफ भांजे-भांजियां, लाडली बहना, दूसरी तरफ एससी/एसटी की महिलाओं और बेटियों पर अत्याचार हो रहा है। इसमें पहले नंबर पर हमारा मप्र है। ये खाने के दांत अलग और दिखाने के दांत अलग हैं। इसको लेकर मैंने चौपाई के जरिए कहा था कि ये भी हो रहा है।

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