counter create hit मप्र में विवाह में 250, शवयात्रा में 50 को अनुमति , बड़े मेलों पर रोक, 50 फीसदी क्षमता से खुलेंगे स्कूल | Madhya Uday - Online Hindi News Portal

मप्र में विवाह में 250, शवयात्रा में 50 को अनुमति , बड़े मेलों पर रोक, 50 फीसदी क्षमता से खुलेंगे स्कूल

मप्र में विवाह में 250, शवयात्रा में 50 को अनुमति , बड़े मेलों पर रोक, 50 फीसदी क्षमता से खुलेंगे स्कूल

मध्यप्रदेश  में कोरोना की नई गाइडलाइन तैयार हो गई है। शादी में अधिकतम 250 मेहमान ही शामिल होंगे। शव यात्रा में 50 लोगों को अनुमति रहेगी। बड़े मेलों पर रोक रहेगी। यह फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की समीक्षा बैठक में लिया। मीटिंग में ही मुख्यमंत्री ने इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के कलेक्टरों से बात की। उन्होंने चारों शहरों में प्रशासन को अलर्ट रहने काे कहा है। उन्होंने कहा कि घबराने की नहीं, सावधानी और सर्तकता बरतने की जरूरत है।
अब प्रदेश में कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर 7 दिन क्वारैंटाइन किया जाएगा। तीसरी लहर का पीक 25 से 30 जनवरी के बीच में रहेगा। इस दौरान प्रदेश में हर दिन 19 से 20 हजार केस प्रतिदिन आ सकते हैं। यानी यह संख्या दूसरी लहर से लगभग डेढ़ गुना होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना के केस बढ़ेंगे, लेकिन पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। सतर्कता बरतना जरूरी है। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसर मौजूद हैं।
स्कूल 50% की क्षमता से चलते रहेंगे
स्कूलों को लेकर कोई नया प्रतिबंध नहीं है। अभी की तरह ही 50% की क्षमता से चलते रहते हैं। एक बच्चे को सप्ताह में तीन दिन ही बुलाया जाएगा। पेरेंट्स की अनुमति जरूरी होगी। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से क्लास लगेंगी। मध्य प्रदेश में 24 घंटे में 594 कोरोना केस मिले हैं। एक्टिव केस बढ़कर 1544 हो गए हैं। संक्रमण दर 1% पर आ गई। इंदौर में एक मौत भी रिपोर्ट हुई है। जबलपुर में भी कोविड सस्पेक्टेड वार्ड में एडमिट दो मरीजों की मौत हुई है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि दोनों की रिपोर्ट निगेटिव थी।
यह है बैठक के प्रमुख बिंदु
बड़े मेले (संक्रांति पर) नहीं होगे,  विवाह में मेहमानों की अधिकतम संख्या 250, उठावना, अंतिम संस्कार में 50 व्यक्ति को अनुमति, स्कूलों में यथावत 50 प्रतिशत उपस्थिती रहे, नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा। कोविड एप्रोपिएट व्यवहार का पालन हो। ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल जीओआई से हो। रोगी संख्या बढ़ेगी, बिस्तर क्षमता बढ़ाएं। सीसीसी ब्लॉक स्तर तक बना लें।

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