counter create hit इंदौर-भोपाल में सबसे ज्यादा बढ़े बलात्कार-हत्या के केस | Madhya Uday - Online Hindi News Portal

इंदौर-भोपाल में सबसे ज्यादा बढ़े बलात्कार-हत्या के केस

मध्यप्रदेश के दो बड़े शहरों भोपाल और इंदौर में 9 दिसंबर 2021 को पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद अपराध बढ़ गए। भोपाल में दुष्कर्म के मामले 2021 में 330 थे, जिनकी संख्या 2022 में 384 हो गई। वहीं इंदौर में 302 से बढ़कर ये संख्या 365 हो गई। यह जानकारी गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में दी।

मप्र में ऑनलाइन सट्‌टा जोर-शोर से जारी रहने के बारे में सवाल पूछा गया था, इसमें इंदौर में रोड सेफ्टी को लेकर क्रिकेट टूर्नामेंट का जिक्र है, जिसमें देश और विदेश के खिलाड़ी मौजूद थे। इन खिलाड़ियों की टी शर्ट पर कंपनियों का प्रचार था। क्रिकेटरों के आने-जाने में चार्टर्ड प्लेन वगैरह पर कितना खर्च हुआ? इसके जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि यह जानकारी इकट्‌ठा की जा रही है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर में पिछले पांच साल में इंदौर क्राइम में दूसरे नंबर पर है।

भोपाल में कुल अपराध में कमी, लेकिन बड़े अपराध की संख्या में इजाफा

भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद अपराध बलात्कार, आत्महत्या और हत्या के प्रकरण बढ़े। इंदौर शहर में 2020 से 2021 के बीच 14699 केस हुए, जिनकी संख्या 2021-22 में बढ़कर 15240 हो गई, यानी अपराधों में 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, भोपाल में 2020-21 में 18654 केस के मुकाबले 2021-22 में 15516 प्रकरण दर्ज हुए। इस तरह कुल अपराधों में 16.8% की कमी आई।

अनुसूचित जाति-जनजाति से जुड़े अपराधों की संख्या दोगुनी हो गई

अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत 2015 में एससी के खिलाफ 3656 प्रकरण दर्ज किए थे जो 2022 में बढ़कर 8293 हो गए। इसी अवधि में अनुसूचित जाति की महिलाओं के बलात्कार के केस 456 थे, जो बढ़कर 593 हो गए। अनुसूचित जनजाति के मामलों में 2015 में 5001 प्रकरण दर्ज हुए थे जो बढ़कर 11384 हो गए। इसमें सात सालों में 128 प्रतिशत की वृद्धि हुई|sabhar bhaskar

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