आखिर मोदी जी पाकिस्तान पर हमला कब करेंगे ?

 

जनता का धैर्य बदला लेने के लिए टूट रहा है 😡😡

 

पहलगाम नरसंहार के बाद भारतीय जनमानस के दिलों में पाकिस्तान के प्रति आपार क्रोध है ।

प्रधामनंत्री ने भी कल्पना से परे परिणामों की चेतावनी दी हुई है ,

 

इस की प्रतीक्षा में भारत का एक एक नागरिक आज धैर्य खो रहा है कि भारत हमले का मुंहतोड़ जवाब कब देगा जबकि घटना को हुए आज 12 दिन बीत चुके है ।

 

मै प्रत्येक भारतीय को बताना चाहता हूँ कि युद्ध पहले दिन से ही शुरू हो चुका है और पाकिस्तान को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया जा चुका है

लेकिन जैसा जनता समझती है कि युद्ध के हथियार सिर्फ गोला बारूद , मशीनगन, टैंक, मिसाइल्स , फाइटर जेट्स ही होते हैं और हमला इन्हीं से किया जाता है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं

आप सभी जानते हैं कि युद्ध मनोबल से लड़ा जाता है और युद्ध में सेना का सबसे बड़ा हथियार मनोबल ही होता है , यदि आपने वह तोड़ दिया तो बड़ी से बड़ी सेना जिसके पास आधुनिकतम हथियार हों वह भी परास्त हो जाती हैं,

युद्ध धैर्यपूर्ण युद्धनीति से लड़ा जाता है , न कि आवेश में आकर ।

 

युद्ध की सर्वोत्तम नीति वह है जिसमें आप बिना अपना कोई जानमाल की हानि किए उसे जीत जाते हो , या फिर अपनी कम से कम हानि होने देते हो ।

 

भारत के पास एक एडवांटेज है कि है युद्ध का पासा उसके हाथ में है , अर्थात युद्ध कैसे , किस समय , और कब शुरू करना है ये सिर्फ भारत ही तय करेगा ,

मैने क्यों कहा है कि युद्ध शुरू हो चुका है तो

भारत रणनीति के तहत आज इसे जानिए

यदि किसी शत्रु का मनोबल तोड़ना तो ,उसे भ्रमित करना हो , और उसे पैनिक में रखना हो तो सर्वप्रथम भ्रमित रखो और इतना थकाओ ,इतना थकाओ कि वह परेशान हो जाए कि हमला कब होगा , कैसे होगा , कहां से होगा , कितनी तीव्रता का होगा ,

और परंपरागत युद्ध के स्थान पर पहले चरण में शत्रु को आर्थिक चोट पहुंचाओ , उसकी सेना को फ्रस्ट्रेशन वाले मोड में ले आओ ,

उसकी जनता को आर्थिक रूप से अस्थिरता में ले आओ , उस देश की जनता रोजमर्रा के सामान की किल्लत से परेशान हो जाए ,

 

सतर्कता का आलम इतना अधिक हो जाए कि सेना और जनता लंबे समय तक अलर्ट मोड पर रहने पर थक जाए

आपने वो कहानी सुनी ही होगी कि *शेर आया शेर आया* और बार बार लोग लड़के को बचाने चले जाते थे , लेकिन वो लड़के का मजाक था ,

एक दिन अचानक से सचमुच में ही शेर आ गया और उसको खा गया

क्योंकि तब उसको बचाने के लिए कोई नहीं आया

यही रणनीति भारत पाकिस्तान के साथ अभी खेल रहा है , और इस टाइम की आड़ में अपने कूटनीतिक प्रयासों की लामबंदी भी कर रहा है ।

और अपने सारे बैकअप भी तैयार कर रहा है ,

परम्परागत हथियारों की बजाय वह अन्य आर्थिक अस्त्रों का इस्तेमाल कर रहा है , जैसे सिंधु जल समझौता का निलंबन , पानी का प्रयोग अपने अनुसार करना , झेलम का पानी रोककर पाकिस्तान में सूखा करवाना और चेनाब का पानी छोड़कर बाढ़ पैदा करना ,

सीमा पार व्यापार बंद करना , वायुक्षेत्र को बंद करना , सभी प्रकार के आर्थिक राजनैतिक एवं सामाजिक व्यवहार बंद करना ,

इससे वहां की जनता को बहुत असुविधा हो रही हैं, और वे इसके लिए अपने सेना और सरकार को जिम्मेदार मान रहे है ,

 

कुल मिलाकर जितना लंबा समय परम्परागत युद्ध के होने में खींचेगा ,पाकिस्तान में भीतरी असंतोष भड़केगा , बलूचिस्तान , खैबर पख्तूनवा , सिंध , POK में अलगाववादी नेताओं ने पाकिस्तान के प्रति आंदोलन छेड़ दिए है ,

बलूचिस्तान में सशस्त्र संघर्ष जोर पकड़ चुके है और कुछ जिलों पर अपना कब्जा जमा लिया है ।

 

भारत की तरफ से पाकिस्तान के लिए युद्ध शुरू होने के अनिर्णय की स्थिति अत्यंत मनोबल तोड़ने वाली है , पाकिस्तान की सेना में उनके सैनिक इस्तीफे दे देके सेना से भाग रहे हैं ,

 

कुल मिलाकर जब ये थक कर और हाई अलर्ट में रहकर इतना फ्रस्ट्रेशन में आ जाएंगे और अपना ईंधन खर्च कर देंगे , बेमतलब की गोलाबारी में गोला बारूद फूंक देंगे ,

उस समय पाकिस्तान के पश्चिमी फ्रंट से अफगानिस्तान , दक्षिणी फ्रंट से बलूचिस्तान की BLA और पूर्वी फ्रंट पर भारत , किसी भी एक स्थान से युद्ध शुरू होने पर पाकिस्तान ज्यादा से ज्यादा 10 से 15 दिन, में 3 से 4 टुकड़ों में विभाजित हो जाएगा ,

 

भारत इस समय इस रणनीति पर काम कर रहा है कि 75 साल की समस्या को धैर्यपूर्वक रहकर होशो हवास में अपना एक स्टीक प्रहार और कम से कम केजुअल्टी के साथ

इस युद्ध को जीता जाए ,

और

पाकिस्तान नाम की समस्या को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाय ,

 

देश में अति उत्साही नागरिकों को भारत सरकार और भारतीय सेना की युद्ध नीति एवं क्षमता पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए ।

और युद्ध के समय शत्रु के फेक प्रोपेगेंडा से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि AI का जमाना है , शत्रु युद्ध के समय में फेक नैरेटिव फैलाकर देश में अस्थिरता ,अराजकता और पैनिक फैलाने की भी कोशिश करेगा ,

हमें पहले से ही यह बात समझ कर के रखनी होगी

और सावधान रहना होगा

 

हम सब भारतीय युद्ध के समय अपनी अर्थव्यवस्था को सहयोग करते रहे ,

समाज में दुष्प्रचार से सावधान रहे , अफवाहों पर ध्यान न दें ,

यदि हम सब 140 करोड़ नागरिक इस कठिन समय में एकजुट होकर रहेंगे तो बिना किसी हानि के हमारी सेना युद्ध पर आसानी से विजय प्राप्त कर लेगी ।

 

क्योंकि यदि घर में शांति हो तो बड़े से बड़े दुश्मन को भी हराया जा सकता है

 

 

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